लखनऊ: मस्जिद के सामने लक्ष्मण की मूर्ति लगवाने का प्रस्ताव, खड़ा हुआ नया विवाद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में टीले वाली मस्जिद के करीब लक्ष्मण की मूर्ति को लगाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल पुराने लखनऊ में स्थित टीले वाली मस्जिद के सामने चौराहे पर विशाल लक्ष्मण की मूर्ति लगाने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसपर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। यह पूरा विवाद उस वक्त सामने आया जब भाजपा के पार्षद राम कृष्ण यादव और रजनीश गुप्ता ने लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया को पत्र लिखकर टीले वाली मस्जिद के सामने लक्ष्मण की मूर्ति लगाने का प्रस्ताव भेजा था।
अगले महीने होगी प्रस्ताव पर चर्चा
दोनों पार्षदों के प्रस्ताव को इस वजह से स्वीकार कर लिया गया क्योंकि लखनऊ को ऐतिहासिक रूप से लक्ष्मणपुरी के नाम से जाना जाता है। हालांकि इस प्रस्ताव को अभी आखिरी मंजूरी नहीं मिली है और अभी इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। अगले महीने नगर निगम कॉर्पोरेशन की होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। इस पूरे मसले पर रजनीश गुप्ता का कहना है कि जहां पर मस्जिद बनाई गई है वह जगह लक्ष्मण टीला के नाम से ही रजिस्टर है। इस जगह पर लक्ष्मण जी आए थे और इसकी ऐतिहासिक महत्ता है, यही वजह है कि हम इस जगह पर मूर्ति बनवाना चाहते हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने प्रस्ताव का किया समर्थन
उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि लखनऊ को लक्ष्मणपुरी के नाम से जाना जाता था ऐसे में इस बात पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए अगर यहां लक्ष्मण जी की मूर्ति लगाई जाती है। वहीं शिया और सुन्नी दोनों समुदाय के धर्मगुरुओं ने यहां लक्ष्मण की मूर्ति लगाने का विरोध किया है। इस मसले पर सुन्नी धर्मगुरू शुफियान निजामी का कहना है कि टीले वाली मस्जिद लखनऊ की जानीमानी मस्जिद है, ऐसे में यहां लक्ष्मण की मूर्ति लगाने से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया विरोध
शिया धर्मगुरू मौलाना सैफ अब्बास ने भी लक्ष्मण की मूर्ति लगाए जाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस प्रस्ताव को भाजपा के ही पार्षदों ने आगे बढ़ाया है। शिया धर्मगुरू मौलाना सैफ अब्बास ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मूर्ति को किसी मंदिर के भीतर बनवाना चाहिए, इसे किसी भी ऐसी जगह पर नहीं बनवाना चाहिए जहां पर विवाद बढ़ सकता है।
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