यूपी: पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, पेशी पर आए बंदी ने आहत होकर किया आत्महत्या का प्रयास
बलरामपुर। यूपी के बलरामपुर में पेशी पर आए कैदी ने गला काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। आनन-फानन में गम्भीर रूप से घायल कैदी को मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। घायल कैदी ने कोतवाली देहात की पुलिस पर फर्जी मामले में फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है। यह जानना जरूरी है कोतवाली देहात की पुलिस ने इस कैदी को उसी दिन पकड़ा था जब एसपी ऑफिस में तैनात एक पुलिसकर्मी/कर्मचारी का स्मैक पीते हुए वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बावजूद उसे पुलिसकर्मी होने के चलते छोड़ दिया गया था और पीड़ित सहित 3 को मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। फिलहाल कैदी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
बलरामपुर जिला न्यायालय पर पेशी पर लाए गए बंदी ने सदर लाकअप में अपना गला रेतकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। बीते 18 सितम्बर को कोतवाली देहात की पुलिस ने विशुनापुर गांव में एक तालाब के पास छापा मारकर तीन स्मैकियों को गिरफ्तार किया था पुलिस की माने तो उनके पास से 350 ग्राम स्मैक भी बरामद हुआ था। उसी दिन इनके साथ एक पुलिसकर्मी जो एसपी ऑफिस में तैनात था, उसे भी पुलिस ने पकड़ा था। लेकिन हर बार की तरह पुलिसकर्मी होने का इसे भरपूर फायदा मिला और इस पर पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नही किया। जबकि इसी मामले में पकड़े गए 3 अन्य आरोपियों को मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था।
कई दिनों से जेल में बंद बंदी पेशी पर आया तो उसने पुलिसिया कार्यवाई से क्षुब्ध होकर ब्लेड से अपना गला रेत लिया। जिसके फौरन बाद पुलिस के हाथ पांव फूल गए। उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां उसका उपचार किया जा रहा है। अदालत में पेशी पर आए घायल कैदी का आरोप है कि कोतवाली देहात की पुलिस ने 18 सितम्बर को छापेमारी के दौरान उसके साथ तीन अन्य स्मैक के कारोबारियों को भी पकड़ा था लेकिन उन्हे उसी के सामने पैसे लेकर छोड़ दिया गया। उसके पास पैसे नहीं थे इसलिए स्मैक बेंचने का झूठा आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया।
घायल बंदी ने यह भी कुबूल किया कि वो एचआईवी पीड़ित है और नशा करता है। लेकिन उसने इस बात से दुखी होकर आत्म हत्या का प्रयास किया कि जब पुलिस को उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ तो उसे जेल क्यों भेजा गया। स्मैक बेंचने के आरोप में जेल जाने के बाद परिवार ने भी एड्स पीड़ित बंदी का साथ छोड़ दिया है। कैदी का कहना है कि पेशी पर आते वक्त वाहन की सीट के नीचे ब्लेड पड़ा मिला था जिससे उसने आत्महत्या का प्रयास किया।
पुलिसकर्मी होने के कारण एसपी ने की मदद
18 सितम्बर को इसी मामले से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एसपी आफिस में तैनात पुलिसकर्मी/कर्मचारी अरविंद सिंह को पुलिस टीम ने रंगे हाथ स्मैक पीते हुए पकड़ा था। लेकिन मामले में एसपी ने घटना से इनकार कर दिया। जब मीडिया का दबाव बढ़ा तो एसपी ने उच्चाधिकारियों को दिखाने के लिए आरोपी पुलिसकर्मी को मजबूरन सस्पेंड कर दिया। लेकिन स्मैक बरामद होने व वीडियो में दिखने के बावजूद एसपी बलरामपुर राजेश कुमार ने आरोपी को बचा लिया। एक ही घटना स्थल, एक ही अपराध होने के बाद भी पुलिस ने तीन आम आरोपियों को तो जेल भेज दिया लेकिन अभी तक वीडियो में स्मैक से साथ दिख रहे पुलिसकर्मी/कर्मचारी को जेल नहीं भेजा गया न ही मुकदमा दर्ज करने की जहमत ही उठाई गई। फिलहाल एड्स पीड़ित कैदी के सुसाइड मामले में सवालों के घेरे में आई पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि वो अपनी बीमारी से पीड़ित था इसलिए आत्महत्या का प्रयास किया।
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