गंगा एक्सप्रेस वे के बहाने रूहेलखंड को साधेंगे पीएम मोदी, जानिए क्या है बीजेपी की प्लानिंग
लखनऊ, 08 दिसंबर: उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी को एक और तोहफा देने जा रहे हैं। 18 दिसंबर को पीएम देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे 'गंगा एक्सप्रेस-वे' की आधारशिला रखेंगे। मेरठ से प्रयागराज तक करीब 600 किलोमीटर लंबे इस 6 लेन के एक्सप्रेस-वे को बढ़ाकर 8 लेन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर बीजेपी पूरी तरह से तैयारियों में जुट गई है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद शाहजहांपुर में रैली कर किसानों को भी साधने की कोशिश करेंगे। बीजेपी को डर है कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसानों के मन में मोदी और योगी सरकार को लेकर नाराजगी कम नहीं हुई है।
बीजेपी इस बार इस इलाके में क्लीन स्वीप करना चाहती है। शहर के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 9 नवंबर को जलालबाद में एक जनसभा की थी। अब प्रधानमंत्री के आने के साथ ही उनकी जनसभा भी इसी विधानसभा क्षेत्र में कहीं पर होने की संभावना जताई जा रही है। यदि प्रधानमंत्री यहां आते हैं तो यह पद ग्रहण करने के बाद जिले में उनकी दूसरी रैली होगी। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने रोजा इलाके में जनसभा की थी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी का कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय न केवल यूपी में भाजपा की गिरती लोकप्रियता को बचाने का एक अंतिम प्रयास है, बल्कि योगी आदित्यनाथ से ध्यान हटाकर मोदी पर भी ध्यान केंद्रित करने का प्रयास है।
जानकारी के मुताबिक यूपीईडीए (यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने पूरे प्रोजेक्ट को 12 पैकेज और 4 ग्रुप में बांटा है। वहीं, एक ग्रुप में तीन पैकेज शामिल किए गए हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की जिम्मेदारी अदाणी ग्रुप और आईआरबी को दी गई है। बताया जा रहा है कि 36 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए कंपनियों को भी चुना गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी। पहले चरण का काम आईआरबी को मिला है जो मेरठ से अमरोहा तक है। वहीं, अमरोहा से प्रयागराज तक तीन चरणों का काम अदाणी समूह को सौंपा गया है।
उन्नाव में बनेगा सबसे अधिक 105 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे
सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे उन्नाव में होगा। एक्सप्रेसवे की लंबाई मेरठ में 15 किमी, हापुड़ में 33 किमी, बुलंदशहर में 11 किमी, अमरोहा में 26 किमी, संभल में 39 किमी, बदायूं में 92 किमी, शाहजहांपुर में 40 किमी, हरदोई में 99 किमी, उन्नाव में 105 किमी है। रायबरेली में यह 77 किमी, प्रतापगढ़ में 41 किमी और प्रयागराज में 16 किमी होगी।
मेरठ और प्रयागराज में 2 प्रमुख टोल प्लाजा
गंगा एक्सप्रेस-वे के तहत 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज बनाए जाएंगे. गंगा नदी पर एक किलोमीटर लंबा और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबा पुल बनेगा. गंगा एक्सप्रेस-वे पर मेरठ और प्रयागराज में 2 मुख्य टोल प्लाजा होंगे। इसके अलावा रास्ते में 15 रैंप टोल प्लाजा भी बनाए जाएंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे की विशेषताएं
- इसे मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जाएगा।
- इसकी कुल लंबाई 594 किमी होगी।
- इसे बनाने में कुल 41,544 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
- यह 6 लेन का एक्सप्रेस-वे होगा, लेकिन इसे बढ़ाकर 8 किया जा सकता है।
गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से होगा ये लाभ
- एक्सप्रेस-वे के बनने से पूरे देश के चहुंमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
- एक्सप्रेसवे के प्रवेश को नियंत्रित करने से ईंधन की खपत और प्रदूषण नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण बचत होगी।
- इस परियोजना से कवर किए गए क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ-साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और कृषि की आय को बढ़ावा मिलेगा।
- यह राज्य की राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी के साथ एक्सप्रेसवे द्वारा कवर किए गए क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को जोड़ने वाले औद्योगिक गलियारे के रूप में कार्य करेगा।
- एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान स्थापित करने के भी अवसर प्राप्त होंगे।
- एक्सप्रेसवे हथकरघा उद्योगों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण संयंत्रों, मंडियों और दूध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।
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