महाराष्ट्र में सियासी बवाल के बीच शरद पवार ने परिवार साथ किया ताजमहल का दीदार
आगरा: एंटीलिया कार केस और मनसुख हिरेन की मौत के बाद से महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। इस बीच शनिवार को मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोपों की बौछार थी। इसके बाद से उनके इस्तीफे की मांग हो रही है। महाराष्ट्र के बवाल से हटकर एनसीपी चीफ शरद पवार रविवार को आगरा छुट्टी मानने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ताज और अन्य ऐतिहासिक इमारतों का दीदार किया।
सूत्रों के मुताबिक पवार ने अपनी ये यात्रा एकदम गुप्त रखी थी। उनके साथ उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले भी मौजूद रहीं। आगरा में उन्होंने स्थानीय सांसद एसपी सिंह बघेल और कुछ अधिकारियों से मुलाकात की। परिवार के साथ छुट्टी पर होने के बावजूद पवार लगातार फोन के जरिए महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर चर्चा करते रहे, लेकिन मीडिया से उन्होंने दूरी बनाए रखी।
क्यों
बढ़ी
है
पवार
की
मुश्किल?
दरअसल
शिवसेना,
कांग्रेस
और
एनसीपी
ने
महाराष्ट्र
में
सरकार
बनाने
के
लिए
गठबंधन
किया
था।
जिसको
महा
अघाड़ी
गठबंधन
के
नाम
से
जाना
जाता
है।
इसमें
सीएम
की
कुर्सी
तो
शिवसेना
के
पास
गई,
जबकि
डिप्टी
सीएम
और
गृहमंत्री
की
कुर्सी
एनसीपी
के
खाते
में
आई।
अनिल
देशमुख
पर
आरोप
लगने
के
बाद
शिवसेना
किनारे
हो
गई,
जबकि
एनसीपी
और
शरद
पवार
विपक्षी
दलों
के
सीधे
निशाने
पर
आ
गए।
हालांकि
एनसीपी
नेता
बार-बार
यही
कह
रहे
कि
देशमुख
इस्तीफा
नहीं
देंगे।
पवार
ने
कही
थी
जांच
की
बात
परमबीर
के
खुलासे
के
बाद
शरद
पवार
ने
सुझाव
दिया
था
कि
पूर्व
आईपीएस
अधिकारी
जूलियो
रिबेरो
गृहमंत्री
अनिल
देशमुख
और
सचिन
वाजे
के
मामले
की
जांच
करें।
हालांकि
रिबेरो
ने
इस
जांच
को
करने
से
इनकार
कर
दिया
है।
उन्होंने
कहा
कि
पहली
बात
तो
मुझसे
राज्य
सरकार
ने
संपर्क
नहीं
किया
है,
अगर
वो
करती
भी
है
तो
वो
इनकार
कर
देंगे।
वो
92
साल
के
हैं
ऐसे
में
इस
उम्र
में
वो
जांच
नहीं
करना
चाहते
हैं।
अगर
जांच
करनी
ही
है
तो
एनसीपी
चीफ
खुद
करें।