रिटायरमेंट में बचे थे केवल 24 घंटे लेकिन लालच का लग ही गया दाग
'मेरे कैरियर को दागदार करने के लिए रिटायरमेंट से 24 घंटे पहले मेरे खिलाफ कई लोगों ने मिलकर षड्यंत्र रचा है और मुझे फंसाया है।'
वाराणसी। लालच किस तरीके से इंसान को अपने ही चक्रव्यू में फंसाता है, इसका प्रमाण आपको वाराणसी के एंटी करप्शन की इस कर्रवाई से मिल जाएगा। एंटी करप्शन टीम ने जल निगम के यूनिट की परियोजना प्रबंधक योगेश्वर प्रसाद पांडेय को रंगे हाथ 20,000 रुपए रिश्वत लेते पकड़ा। इनके पास से एक लाख 5 हजार रुपए भी बरामद हुए है। योगेश्वर प्रसाद पांडेय जिनके रिटायरमेंट में महज 24 घंटे बाकी थे। इसके बावजूद वो अपने रिश्वतखोरी के लालच को नही संभाल सके और रंगे हाथों घूस लेते पकड़े गए।
ठेकेदार के पहल पर एंटी करप्शन ने की कर्रवाई
इस आपरेशन को ऑपरेट करने वाले एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर राम सागर ने OneIndia को बताया कि सीएनडीएस के माध्यम से कब्रिस्तान की बाउंड्री बनवाई गई थी। जिसका पेमेंट ठेकेदार राम मिलन सिंह को लेने था। उनका तीन लाख रुपया बकाया था जिसका पेमेंट कराने के लिए वो आए दिन इस दफ्तर का चक्कर काट रहे थे। उनके पेमेंट की एवज में प्रोजेक्ट मैनेजर 10% के तौर पर रिश्वत मांग रहे थे और ये डील इस बात पर तय हुई कि 20,000 पहले दे देंगे बाकी बाद में दे देंगे।
लेकिन ठेकेदार प्रोजेक्ट मैनेजर को घूस नहीं देना चाह रहे थे और उन्होंने हमसे संपर्क किया। हमने इस मामले पर अपने अधिकारियों से संपर्क किया और उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद हमने कार्रवाई करते हुए रिश्वत के 20,000 रुपयों के साथ इन्हें रंगे हाथ पकड़ा है। यही नहीं इनके पास से कैश के पांच लाख रुपए भी बरामद किए गए हैं। जिसकी जांच भी की जाएगी और इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
खुद को बेकसूर बता रहे हैं आरोपी अधिकारी
वहीं रंगे हाथ पकड़े गए आरोपी अधिकारी योगेश्वर प्रसाद पांडेय खुद को बेकसूर बताते हुए अपने खिलाफ साजिश की बात कह रहे हैं। उनका कहना है की मेरे कैरियर को दागदार करने के लिए रिटायरमेंट से 24 घंटे पहले मेरे खिलाफ कई लोगों ने मिलकर षड्यंत्र रचा है और मुझे फंसाया है। जब हमने उनसे साजिश करने वाले का नाम जानने की कोशिश की तो उन्होंने अपने को ब्लड प्रेशर और हार्ट का पेशेंट बताते हुए चुप्पी साध ली।