Deoria Shelter Home Case: शरणगृह से बचाई गई बच्ची का दावा, विदेश भेजा गया है बच्चों को
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के देवरिया में जिस तरह से शरण गृह में जिस तरह से कथित रूप से देह व्यापार का धंधा चल रहा था उसने हर किसी को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि क्या लड़कियां देश में कहीं सुरक्षित हैं। जिन 24 लड़कियों को इस शरण गृह से आजाद कराया गया है उसमे से एक लड़की ने दावा किया है कि कुछ लड़कियों और महिलाओं को यहां से विदेश भी भेजा गया था। लड़की ने बताया कि चार लोग आए थे और वह पांच साल के लड़के को पिछले साल दिसंबर माह में अपने साथ ले गए।
विदेश ले गए बच्चों को
लड़की ने दावा किया है कि इस साल 8 साल की दो जुड़वा लड़कियों को भी बाहर भेजा गया था, हमे यह बताया गया था कि इन्हें विदेश भेजा जा रहा है। लड़की ने बताया कि तकरीबन 40 वर्ष की आयु के लोग यहां आए थे, जिसमे दो महिलाएं थीं, इन लोगों ने बच्चों को ले जाने से पहले शरण गृह में मिठाई बंटवाई थी। हमे बताया गया था कि बच्चों को स्पेन ले जाया जा रहा है। एक व्यक्ति ने दावा किया कि वह इनमे से एक बच्चे का पिता है और उसे अपनी बेटी से मिलने की इजाजत नहीं दी गई थी। ऐसा लगता है कि इन लोगों को डर था कि कि कहीं लड़की कुछ सच सामने ना ला दे।
24 लड़कियों को आजाद कराया गया
आपको बता दें कि इस शरण गृह से पुलिस ने छापेमारी करके कुल 24 लड़कियों को मुक्त कराया था, लेकिन अभी भी शरण गृह से 18 लड़कियां लापता हैं, जिनका नाम रजिस्टर में दर्ज है। यह छापेमारी उस वक्त की गई जब शरण गृह से 10 साल की लड़की किसी तरह से यहां बचकर भाग निकली और उसने पुलिस को इस बाबत जानकारी दी। उसने बताया कि शरण गृह के भीतर देह व्यापार चलता है।
पड़ोसियों को कभी शक नहीं हुआ
इस शरण गृह को गिरिजा त्रिपाठी नाम की महिला अपने पति मोहन त्रिपाणी के साथ मिलकर चलाती थी। पुलिस की छापेमारी के बाद इन दोनों के अलावा उनकी बेटी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं शरण गृह के पास में रहने वाले पड़ोसियों का कहना है कि उन्हें कभी भी इस बात का शक नहीं हुआ कि मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह में इस तरह का देह व्यापार चल रहा है।
इसे भी पढ़ें- देवरिया कांड पर बोली रीता बहुगुणा, जिनके समय फला-फूला शेल्टर होम, वही बना रहे राजनीतिक मुद्दा
इसे भी पढ़ें- देवरिया और मुजफ्फरपुर जैसे मामले अभी बहुत निकलेंगे: मेनका गांधी