MA, बीएड, टीईटी की डिग्री के बावजूद नहीं मिली नौकरी तो खोल ली चाट की दुकान
हरदोई। कहने के लिए ये चाट का ठेला तो बड़ा फेमस है लेकिन इसको चलाने वाले का दर्द बयां करने के लिए ठेले पर लिखे चंद शब्द काफी नजर आते हैं। ये किस्सा यूपी के हरदोई जिले के पिहानी क्षेत्र का है। कस्बे में टीईटी, बीएड, बीएससी और एमए की डिग्रियां लेकर खाली हाथ घूम रहे बेरोजगार युवक ने चाट का ठेला लगाना शुरू कर दिया। पढ़े-लिखे निमिष ने चाट के ठेले पर अपनी डिग्रियां लिखी हैं। वह सरकार की वादा खिलाफी से आहत है।
हरदोई के पिहानी में दो दिन से कस्बे के बंदर पार्क के निकट चाट का ठेला लगा रहे निमिष गुप्ता ने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की है। उसके पिता मजदूरी करते हैं और मां पिहानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। निमिष ने बताया कि चाट पकौड़े का ठेला उसने किसी के सुझाव पर नहीं लगाया। लगातार सात वर्षों तक नौकरी का इंतजार करने के बाद मायूस होकर उसने ये कदम उठाया। उसके मां-बाप ने उसके लिए सपने देखे थे।
वह भी पढ़ लिखकर उनका सहारा बनना चाहता था, लेकिन सरकार की अनदेखी से खुद उन पर बोझ बनकर रह गया। यही एहसास उसे सोने नहीं देता था। उसने मेहनत से पढ़ाई की और किसी कक्षा में फेल नहीं हुआ। हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीएससी तथा बीएड के साथ उसने एमए और 2011 में टीईटी भी उत्तीर्ण की। इसके बावजूद उसे नौकरी नहीं मिली। अब चाट के ठेले से वह परिवार का बोझ कुछ तो कम कर पा रहा है।
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