सीएम योगी की 'बुद्धि-शुद्धि' के लिए उन्हीं की विधायक ने खोला मोर्चा
अपने पति व परिजनों पर मुकदमा लिखे जाने से नाराज इस महिला विधायक ने अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।
इलाहाबाद। यूपी की सियासत में फिर भूचाल आया हुआ है। एक ओर सीएम योगी आदित्यनाथ अपने 100 दिन के काम का रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी ही एक विधायक सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ उनकी बुद्धि-शुद्धि का हवन करा रही हैं। वो खुद ही अपनी सरकार के फैसलों पर सवाल उठा रही हैं। बीजेपी की ये विधायक इलाहाबाद से हैं और मेजा विधानसभा से चुनाव जीतकर बीजेपी का कमल खिलाने में कामयाब हुई हैं। दरअसल ये सब कुछ इलाहाबाद की बाहुबली करवरिया फैमली पर नया मुकदमा लिखे जाने को लेकर हो रहा है।
अपने पति व परिजनों पर मुकदमा लिखे जाने से नाराज विधायक नीलम करवरिया ने अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को विधायक पूरे लाव-लश्कर के साथ संगम तट पर पहुंची और बड़े हनुमान जी के दरबार में माथा टेककर सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए बुद्धि-शुद्धि का हवन कराया। इसके बाद उन्होंने सुंदरकांड पाठ व हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया। बची-खुची कसर भाजपा कार्यकर्ता व करवरिया फैमली, समर्थकों ने पूरी कर दी। यहीं पर उन्होंने सरकार के फैसले के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया।
पहले ही दिन हजारों लोगों ने हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया। हस्ताक्षर को सीएम के पास भेजा जाएगा और करवरिया फैमली पर दर्ज हुए नए मुकदमे को हटाने की मांग को मनवाया जएगा। हलाकि भाजपाई सिर्फ एक फैसले को लेकर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन विरोधियों के लिए ये सरकार को घेरने का बढ़िया मौका मिल गया है। इस संबंध में जब नीलम करवरिया से बात की गई तो उन्होंने बताया की जो हो रहा है वो आपके सामने है।
नीलम करवरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सरकार में भी पिछले सरकार के अधिकारियों का कब्जा अब तक बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारी पिछली सरकार के होने के कारण वो अपनी मनमानी कर रहे हैं। वो करवरिया परिवार पर फर्जी मुकदमा लगाकर फंसा रहे हैं। साथ ही सरकार को भी बदमान कर रहे हैं। खराब प्रशासनिक व्यवस्था के कारण सरकार की बदनामी हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया गया। साथ ही हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।
विरोधी दलों ने साधा निशाना
अपनी ही सरकार को घेर कर शुरू हुए इस कार्यक्रम ने विरोधी दलों को भी खुलकर हमला बोलने का मौका दे दिया है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस व बहजन समाज पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा की यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आंख खोलकर देखना चाहिए कि उनकी ही पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में किस आधार पर सरकार 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड दिखा कर आडंबर कर रहे हैं। गौरतलब है की एक दिन पहले ही विरोधी दलों ने सड़क पर प्रदर्शन कर योगी सरकार को निशाने पर लिया था और अगले ही दिन खुद बीजेपी के लोग ही अपनी पार्टी पर सवाल उठाते नजर आए हैं। बसपा के मोहम्मद इलियाश ने कहा कि जो सरकार अपने लोगों को संतुष्ट नहीं कर पा रही वो पूरे यूपी का कैसे ख्याल रखेगी। वहीं कांग्रेस नेता हसीब अहमद ने कहा की यहां तो कुछ कहने की जरुरत नहीं पूरा यूपी मीडिया के माध्यम से देखा रहा है कि इलाहाबाद में क्या हो रहा है। योगी सरकार किसी काम की नहीं है।
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