गोहत्या के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत, महापंचायत ने दी पूरे यूपी में विरोध-प्रदर्शन की धमकी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर अपने बर्ताव को लेकर विवाद में है। मेरठ के दोराली गांव में 34 वर्षीय युवक की गोहत्या के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद लोगों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोगों ने धमकी दी है कि अगर मृत व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया तो वह प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि हम इस पूरी घटना की जांच कर रहे हैं।
पुलिस हिरासत में मौत
नरेंद्र कुमार की पिछले मंगलवार की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस ने हिरासत में दो दिन के बाद नरेंद्र की मौत के बाद लोगों में काफी गुस्सा है। पुलिस ने नरेंद्र के अलावा तीन अन्य लोगों हनी, रोहित और अरविंद को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर गोहत्या का आरोप था। इन चारों को पुलिस ने मेरठ के मवाना इलाके से गिरफ्तार किया था। इनके पास पिकअप में पुलिस ने दो गायों को भी बरामद किया था।
घरवालों ने की मुआवजे की मांग
नरेंद्र कुमार के भतीजे मनीष नागर का कहना है कि हम उन पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं जिन्होंने मेरे अंकल के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया, हमारे परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और घर मिलना चाहिए। इस घटना के बाद गांव में महापंचायत बुलाई गई थई, जहां इस बात का फैसला लिया गया कि अगर जिला प्रशासन और पुलिस हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो प्रदेशभर में प्रदर्शन किया जाएगा।
छह घंटे चली महापंचायत
दोराली में आयोजित महापंचायत में आस-पास के 400 लोगों ने हिस्सा लिया था, यह महापंचायत छह घंटे तक चली थी। गुज्जर समुदाय के नेता और मृत परिवार के सदस्यों ने अपनी मांगों की लिस्ट जिला प्रशासन को दे दी है और जल्द से जल्द इसे पूरा करनने की भी मांग की है। नरेंद्र की मां मुन्नी देवी, भाई जितेंद्र 25 अप्रैल से धरना दे रहे हैं और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। मेरठ के एडीएम मुकेश चंद ने कहा कि हम सरकार को मुआवजे के लिए पत्र लिखेंगे। वहीं मेरठ ग्रामीण के एएसपी राजेश कुमार का कहना है कि वह पुलिस हिरासत में व्यक्ति की मौत की जांच कर रहे ह हैं।
पुलिस ने किया हिरासत में पिटाई से इनकार
मवाना स्टेशन हाउस ऑफिसर बृजेश कुशवाहा और एसआई धर्मेंद्र, कॉस्टेबल ओमकार सिंह को इस मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। राजेश कुमार ने बताया कि इन पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई प्राथमिक जांच के बाद की गई है। इन लोगों ने बिना दस्तावेजों की जांच के मामला दर्ज किया था। सभी चारो गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि नरेंद्र कुमार की पुलिस हिरासत में पिटाई की गई जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि ऑटोप्सी रिपोर्ट में यह सामने आया है कि नरेंद्र की मौत दम घुटने से हुई है, साथ ही रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि व्यक्ति के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे। सूत्रों की मानें तो पुलिस आरोपियों के खिलाफ गोहत्या के मामला हटाने की सोच रही है और उनपर गो तस्करी का मामला चलाएगी।