अस्पताल पर FIR: लाखों लेकर भर्ती करते मरीज, फिर ऑक्सीजन का बहाना बना कर देते डिस्चार्ज, ऐसे खुली पोल
लखनऊ, मई 6: पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। एक ओर इस मुश्किल हालात में लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे, तो वहीं दूसरी ओर चुनिंदा अस्पताल मरीजों को जबरन लूट रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है। हालांकि वक्त रहते प्रशासन को इसकी खबर लग गई और जांच में अस्पताल की सारी पोल खुल गई। अब पुलिस ने भी अस्पताल के संचालकों पर FIR दर्ज की है।
दरअसल विभूति खंड में स्थित सन अस्पताल पहले तो इलाज के नाम पर मरीजों को भर्ती करवाता था। इसके बाद उनके परिजनों से 5 से 10 लाख रुपये जमा करवा लेता। शुरुआत में अस्पताल की ओर से मरीजों का इलाज किया जाता, लेकिन बाद में ऑक्सीजन की कमी की बात कहकर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाता था। इसके बाद उसी बेड पर मोटी रकम लेकर किसी दूसरे मरीज को भर्ती कर लिया जाए। कई दिनों तक ये खेल चलता रहा, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए इस मामले को उठाया।
वहीं तीन मई को ही अस्पताल की ओर से एक नोटिस भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि जो मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उनके परिजन उन्हें किसी दूसरे अस्पताल लेकर जाएं, क्योंकि बार-बार आग्रह के बाद भी सरकार की ओर से पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई नहीं हो पाई है। इसके बाद मरीजों के परिजनों में हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में ये बात प्रशासन के पास पहुंची, लेकिन जांच करने पर सच्चाई कुछ और निकली।
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प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए वो अस्पताल का निरीक्षण करने गए, लेकिन वहां पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिली। इसके बाद अस्पताल के संचालक के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 269, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 और 52 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 1 मई को अस्पताल में 18 मरीज भर्ती थे, जबकि उन्हें 26 जंबो सिलेंडर मिले। इसके बाद दो मई को मरीजों की संख्या 17 हो गई और उस दिन उन्हें 58 सिलेंडर मिले। ऐसे में ऑक्सीजन की किल्लत का सवाल ही नहीं है।