उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

अमरनाथ: 15 मिनट हुई लेट वरना सहारनपुर के यात्रियों की बस पर होता आतंकी हमला

यदि सहारनपुर के यात्रियों की बस से नीचे उतरकर दो यात्री खरीदारी न करने जाते तो जो आतंकी हमला गुजरात के यात्रियों की बस पर हुआ है, वह आतंकी हमला सहारनपुर के यात्रियों की बस पर होना था।

By Rajeevkumar Singh
Google Oneindia News

सहारनपुर। दो दिन पहले अमरनाथ यात्रियों की भरी बस पर हुए आतंकी हमले के सहारनपुर के कई यात्री चमश्मदीद गवाह रहे हैं। यदि सहारनपुर के यात्रियों की बस से नीचे उतरकर दो यात्री खरीदारी न करने जाते तो जो आतंकी हमला गुजरात के यात्रियों की बस पर हुआ है, वह आतंकी हमला सहारनपुर के यात्रियों की बस पर होना था। गुजरात के जिन यात्रियों की बस पर हमला हुआ, उस बस के ठीक पीछे सहारनपुर के यात्रियों की बस चल रही थी। जैसे ही गुजरात की बस पर हमला हुआ सहारनपुर के यात्रियों की बस के ड्राइवर ने एक पेड़ के नीचे अपनी बस को रोक दिया था।

<strong>Read Also: अमरनाथ यात्रा में आतंकियों ने दो दिनों तक किया था बस का पीछा</strong>Read Also: अमरनाथ यात्रा में आतंकियों ने दो दिनों तक किया था बस का पीछा

बाबा बर्फानी का आभार व्यक्त किया

बाबा बर्फानी का आभार व्यक्त किया

विगत पांच जुलाई को सहारनपुर के कस्बा बड़गांव से जनेश राणा और ऋषिपाल राणा के नेतृत्व में सहारनपुर से 46 यात्रियों की एक बस बाबा अमरनाथ यात्रा के दर्शन करने को रवाना हुई थी। यह सभी यात्री सकुलशल वापस लौट आए हैं। इन यात्रियों में शामिल जनेश राणा, अशोक पुंडीर, सहेंद्र सिंह, नाथी सिंह, मुकेश कुमार, ऋषिपाल सिंह, विजय कुमार, सुखपाल शर्मा, निक्की शर्मा, पंकज कुमार, हनी सिंह, सविता सिंह, जुही सिंह, राजेंद्र कुमार, सचिन, दुष्यंत आदि ने सकुशल वापस लौटने पर बाबा अमरनाथ आभार व्यक्त किया है।

सबसे आगे लगी थी सहारनपुर यात्रियों की बस

सबसे आगे लगी थी सहारनपुर यात्रियों की बस

जनेश राणा ने बताया कि दस जुलाई की शाम वह बाबा अमरनाथ के दर्शन कर वापस लौट रहे थे। बालटाल पहुंचने के बाद बालटाल से श्रीनगर आने के लिए एक प्राइवेट बस किराये पर हायर की थी। श्रीनगर से जम्मू आना था और जम्मू से जम्मूतवी-गोरखपुर अमरनाथ एक्सप्रेस से सभी को सहारनपुर आना था। जनेश राणा ने बताया कि बालटाल में जो बस किराए पर हायर की थी, उसमें सहारनपुर के सभी यात्री सवार हो गए थे और यह बस सबसे आगे लगी थी। हमारे दो साथी सुखराम शर्मा और निक्की शर्मा अचानक बस से नीचे उतर गए और खरीदारी करने के लिए चले गए जिस कारण उनकी बस नहीं चल सकी। उनकी बस के पीछे एक बस मध्य प्रदेश तथा दूसरी बस गुजरात के यात्रियों की थी। हमारे दोनों साथियों के वापस न आने पर सबसे पहले गुजरात की बस उनसे आगे निकल गई, इसके बाद मध्य प्रदेश के यात्रियों की बस भी उनसे आगे निकल गई।

गुजरात के यात्रियों की बस आगे निकल गई

गुजरात के यात्रियों की बस आगे निकल गई

करीब 15 मिनट बाद उनके दोनों साथी सुखराम और निक्की शर्मा खरीदारी कर वापस लौटे तो उनकी बस बालटाल से श्रीनगर के लिए रवाना हुई। बस ड्राइवर ने तेज स्पीड से बस को दौड़ाया तो मध्य प्रदेश के यात्रियों की बस को तो पीछे कर दिया, लेकिन गुजरात के यात्रियों की बस आगे आगे ही चलती रही। रात आठ बजे श्रीनगर से 40 किलोमीटर पहले आगे चल रही गुजरात के यात्रियों की बस पर आतंकी हमला हो गया।

हमले के बाद भी मध्यप्रदेश यात्रियों की बस नहीं रुकी

हमले के बाद भी मध्यप्रदेश यात्रियों की बस नहीं रुकी

जनेश राणा, ऋषिपाल राणा ने बताया कि आगे चल रही बस पर जब गोलीबारी हो रही थी तो उनकी बस के ड्राइवर ने गोली चलने की आवाज सुनकर अपनी बस को एक पेड़ के नीचे रोक दिया। लेकिन पीछे चल रही मध्य प्रदेश के यात्रियों की बस के ड्राइवर ने बस नहीं रोकी और वह अपनी बस को लेकर उनकी बस से आगे निकल गया।

आतंंकी हमले का देखा नजारा

आतंंकी हमले का देखा नजारा

उन्होंने बताया कि वह आतंकी हमले का नजारा देख रहे थे। इस नजारे के बाद सहारनपुर के यात्रियों ने कई घंटे दहशत में गुजारे। वह किसी तरह से सफर कर श्रीनगर तक पहुंचे। जनेश ने बताया कि यदि उनके दो साथी बालटाल में खरीदारी करने के लिए न जाते तो शायद सहारनपुर के यात्रियों की बस पर ही आतंकियों का हमला होता। बाबा बर्फानी हाथ सिर पर होने के कारण सहारनपुर के यात्री बाल बाल बच गए।

यात्रियों ने बताई हमले की असली वजह!

यात्रियों ने बताई हमले की असली वजह!

जनेश राणा ने बताया कि आतंकी हमला होने और खबर के टीवी चैनलों पर चलने के बाद उनके सभी साथियों के फोन लगातार बजना शुरु हो गए। उनके परिवार के लोग दहशत में आ गए थे। ऋषिपाल और अशोक ने बताया कि घटना के करीब आधा घंटे बाद उन दोनों के मोबाइल बजना शुरू हो गए थे। जनेश, ऋषिपाल व अशोक ने बताया कि बालटाल से निकलने वाली बसें सेना की देखरेख में ही निकलती है। मगर कुछ यात्रियों की जल्दबाजी और कुछ प्राइवेट बस चालकों की मनमानी की वजह से कई बार बसें सेना की देखरेख में नहीं निकलती। दस जुलाई को जिस बस पर हमला हुआ, वह शाम छह बजे के बाद निकलनी थी, जबकि शाम छह बजे के बाद सेना किसी भी बस को नहीं निकलने देती है। ड्राइवर की मनमानी और जल्दबाजी में ही जिस बस पर हमला हुआ वह बालटाल से निकल सकी।

<strong>Read Also: अमरनाथ हमले के बाद बड़ा सवाल, ग्रेड A के अलर्ट के बाद भी कैसे हुआ हमला</strong>Read Also: अमरनाथ हमले के बाद बड़ा सवाल, ग्रेड A के अलर्ट के बाद भी कैसे हुआ हमला

Comments
English summary
How travellers from Sahranpur saved from terrorist attack in Amarnath Yatra.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X