वाराणसी: देश का पहला कैंसर अस्पताल जहां पर होगी साइक्लोट्रॉन की सुविधा
पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर भारत के मरीजों को राहत देने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की योजना के तहत बीएचयू में बनने वाले देश के सर्वश्रेष्ठ कैंसर अस्पताल को मूर्तरूप देने की कवायद तेज हो गई है।
वाराणसी।
पूर्वांचल
सहित
पूरे
उत्तर
भारत
के
मरीजों
को
राहत
देने
वाली
पीएम
नरेंद्र
मोदी
की
योजना
के
तहत
बीएचयू
में
बनने
वाले
देश
के
सर्वश्रेष्ठ
कैंसर
अस्पताल
को
मूर्तरूप
देने
की
कवायद
तेज
हो
गई
है।
पीएम
नरेन्द्र
मोदी
ने
22
दिसंबर
को
वाराणसी
आने
के
दौरान
इस
अस्पताल
की
आधारशिला
रखी
थी।
पीएमओ
के
निर्देश
पर
शुक्रवार
को
मुंबई
स्थित
टाटा
मेमोरियल
कैंसर
(टीएमसी)
संस्थान
की
टीम
बीएचयू
पहुंची।
टीम
ने
पैथालॉजी,
रेडियोथेरेपी,
सामुदायिक
चिकित्सा
विभाग
सहित
इंजीनियरिंग
क्षेत्र
के
भी
अधिकारियों
के
साथ
बैठक
की।
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नोटबंदी,
सर्जिकल
स्ट्राइक!
मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर (टीएमसी) संस्थान ने बीएचयू के साथ सुंदरबगिया में बनने वाले कैंसर अस्पताल के स्थान का निरीक्षण किया और जमीन के नक्शे पर गहन चर्चा की। बीएचयू में बनने वाले कैंसर अस्पताल के लिए सरकार और अधिकारी बेहद गम्भीर हैं। इस अस्पताल को जल्द से जल्द खड़ा करने के लिए अधिकारी तेजी से सर्वे और नियुक्ति की प्रक्रिया में जुट गये हैं। इसी कड़ी में मुंबई टीएमएच से अधिकारियों ने बीएचयू पहुंच कर जमीन का निरीक्षण कर उसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की है। ये रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
टीएमएच के अधिकारी प्रो. शर्मा ने बताया कि पीएम मोदी इस अस्पताल के लिए बेहद गम्भीर हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण में कैंसर रोगियों का एंडवांस तकनीक से इलाज के लिए 240 बेड का अस्पताल बनाया जायेगा। जिसमें दुनिया की हर तकनीक व सुविधा मौजूद होगी। टीएमएच के प्रो. शर्मा ने आगे बताया कि ये अस्पताल पूरी तरह से टीएमएच के अंडर में संचालित होगा। इस अस्पताल के शुरु करने का मकसद कैंसर के मरीजों की भीड़ को टीएमएच से कम करना और उन्हें सस्ते इलाज के लिए मुंबई और दिल्ली जाने की जरूर न पड़े।
वहीं,
बीएचयू
सर
सुन्दरलाल
अस्पताल
के
एमएस
डॉ.
ओपी
उपाध्याय
ने
बताया
कि
टीएमएच
से
आये
अधिकारी
अस्पताल
के
स्थान
का
निरीक्षण
करने
के
बाद
पूरी
तरह
से
संतुष्ट
हैं।
बता
दें
कि
जल्द
ही
इस
अस्पताल
का
निर्माण
कार्य
शुरु
हो
जायेगा।
वहीं,
अगले
साल
से
यहां
मरीजों
के
लिए
टीएमएच
के
डॉक्टरों
की
ओपीडी
सेवा
शुरु
हो
जायेगी
और
पूरा
अस्पताल
अत्याधुनिक
मशीनों
और
अन्य
सुविधाओं
से
लैस
हो
कर
ढाई
साल
के
अंदर
कार्य
करने
लगेगा।
डॉ. उपाध्याय ने आगे बताया कि इस अस्पताल का नाम पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल होगा। अस्पताल के लिए पूरा फाइनेंस टीएमएच करेगा। इसके लिए एटॉमिक एनर्जी रिसर्च विभाग छह सौ करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जायेगा। ये अस्पताल देश का ऐसा पहला अस्पताल होगा जहां पर साइक्लोट्रॉन प्रोड्क्शन के जरिए काम किया जाएगा जिससे रेडियोधर्मी पदार्थ बनाये जाते हैं। इसके अलावा हॉट लैब भी इस अस्पताल में बनाई जाएंगी।
गौरतलब है कि लाखों मरीजों के हित के लिए पीएमओ की टीम पहली बार 12 दिसंबर को बीएचयू आई थी। टीम ने पीएम के इस प्रोजेक्ट को गंभीरता से लेते हुए 15 दिसंबर को ही पूरी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 22 दिसंबर को करीब 560 करोड़ की लागत से सुंदरबगिया में 10 एकड़ में बनने वाले इस सेंटर की आधारशिला रखी थी। ये भी पढ़ें:वाराणसी: देश के पहले डीजल रेल इंजन कारखाने में क्यों बन रहा है पहला टनल?