रात में डॉक्टरों ने कर दी मौत की पुष्टि तो दिन में महिला को जिंदा करने लगा तांत्रिक
जिंदा होने की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया। इतने में श्मशान घाट पर मौजूद तांत्रिक भी दौड़कर पहुंच गया। उसने दावा किया कि वो महिला को अब जिंदा कर सकता है।
इलाहाबाद। जरा सोचिए की मरा हुआ शख्स अगर चिंता पर जिंदा हो जाए तो क्या होगा? हो सकता है कुछ लोग भूत समझ कर डर जाये। परिजन खुश हो जाएं या और भी बहुत कुछ। दरअसल एक ऐसा ही वाक्या इलाहाबाद में हुआ है। यहां एसआरएन मेडिकल कॉलेज में मृत घोषित हो चुकी महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन उसे श्मशान घाट ले गए। अचानक से महिला के शरीर में हरकत होने लगी। महिला के जिंदा होने की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया। इतने में श्मशान घाट पर मौजूद तांत्रिक भी दौड़कर पहुंच गया। उसने दावा किया कि वो महिला को अब जिंदा कर सकता है। फिर क्या था, श्मशान घाट पर ही तांत्रिक अपना तिलिस्म दिखाने लगा। लेकिन महिला जब नहीं उठी तो उसे श्मशान से दूर ले जाने का प्लान बना। घटना के समय सैकड़ों लोग मौजूद थे। हर कोई आश्चर्यचकित था और तमाशबीन बनकर चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठा रहा।
कैसे हुई जिंदा?
प्रतापगढ़ के नवाबगंज सैदासीपुर की रहने वाली ज्योति यादव (32) लकवाग्रस्त थी। शनिवार को उसकी तबियत बिगड़ी तो पति यशवंत यादव उसे लेकर इलाहाबाद के एसआरएन अस्पताल आया। रात में लगभग 11 बजे ज्योति को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। रविवार की सुबह ज्योति का शव अंतिम संस्कार के लिए कालाकांकर श्मशान घाट लाया गया। परिजनों के मुताबिक यहां चिता सजाई गई और उस पर लिटाने के लिए शव को नहलाया जाने लगा। तभी ज्योति का शव कांपने लगा और वो पानी पीने लगी। अचानक हुए इस वाक्ये से हड़कंप मच गया। ज्योति का शव पानी से बाहर निकाला गया। तब तक वहां मौजूद तांत्रिक चिल्लाने लगा। उसने दावा किया कि वो यमराज से इसकी जिंदगी छीन सकता है। मौत को वापस भेजकर महिला को वहां जिंदा कर देगा।
कई तांत्रिक अजमाते रहे शक्ति?
गंगा घाट पर ही तांत्रिक ने अपने तंत्र-मंत्र अजमाए पर बात नहीं बनी। ज्योति को लेकर तांत्रिक सुरोजी गांव पहुंचा। वहां बड़े ओझा के साथ पूरा दिन महिला को जिंदा करने का प्रयास हुआ लेकिन ज्योति जिंदा नहीं हुई। तो उसे परियांवा के तांत्रिक के पास ले जाया गया। जहां पूरी रात तंत्र शक्ति का खेल हुआ पर शरीर में कोई हरकत नहीं आई। सोमवार को ज्योति का शव एक निजी नर्सिंग होम जीवन ज्योति ले जाया गया। यहां भी डॉक्टरों ने ज्योति को मृत घोषित कर दिया। लेकिन फिर से तांत्रिकों ने अपना चैलेंज दोहराया और ज्योति को वापस इलाहाबाद अघोरी के पास ले आया गया। यहां भी जमकर ड्रामा हुआ लेकिन ज्योति जिंदा नहीं हुई। दो दिन से मरी ज्योति का शव जब बदबू करने लगा तो परिजनों को मौत का यकीन हुआ। इसके बाद सुबह अंतिम संस्कार कराया गया।
क्या कहते हैं डाक्टर?
इस बाबत हमने डॉक्टर यूबी सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि जब तक ईसीजी की रिपोर्ट ना हो। किसी को मृत घोषित करना सही नहीं है। जैसा ग्रामीण दावा कर रहे हैं कि ज्योति जिंदा हुई थी। तो इसका एक कारण हो सकता है कि ज्योति कोमा में रही हो और नहलाते समय उसे होश आया हो। वैसे भी ज्योति लगभग पांच महीने से लकवाग्रस्त थी। ऐसे में इसकी संभावना प्रबल है।
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