यूपी: अस्पताल ने नहीं दी एंबुलेंस, दिव्यांग ने ठेले पर रखकर 8 किमी ढोया पिता का शव
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सरकारी अफसरों की संवेदनहीनता एक बार फिर सामने आई है। यहां एक दिव्यांग ने अपने पिता का शव ठेले पर रखकर 8 किली तक ढोया। बता दें कि शव ले जाने के लिए अस्पताल ने एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास शव गांव तक भिजवाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
बाराबंकी में मंशाराम (50) की तबीयत सोमवार को खराब हो गई। राजकुमार ठेले पर लादकर अपने बीमार पिता मंशाराम को अपनी छोटी बनह मंजू के साथ सीएचसी लेकर पहुंचा। लेकिन डॉक्टरों ने मंशाराम को मृत घोषित कर दिया। बता दें कि अस्पताल में पिता की मौत के बाद शव ले जाने के लिए भाई-बहन घंटों भटके लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। कुछ ग्रामीणों ने शव को ठेले पर रखकर धक्का जरूर लगवा दिया।
डॉक्टर बताते रहे कि प्रधान को सूचना भेजी है, वह मदद करेंगे। जब दो घंटे तक कोई नही आया तो आंख में आंसू लिए राजकुमार आठ किमी तक पिता शव ठेले पर ढोकर लोनी कटर पहुंचा। लेकिन राजकुमार के पास अपने पिता का अंतिम संस्कार करने तक के पैसे नहीं थे। बता दें कि राजकुमार को कहीं से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलने से शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो सका है।
शव
भिजवाने
की
व्यवस्था
नहीं
सीएचसी
पर
मौजूद
डॉ.
प्रदीप
कुमार
का
कहना
है
कि
मरीज
जब
तक
यहां
पहुंचा
उसकी
मौत
हो
चुकी
थी।
सीएचसी
के
पास
शव
वापस
गांव
भिजवाने
की
कोई
व्यवस्था
नहीं
है।
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