एनकाउंटर के डर से रहम की भीख मांग रहे हैं यूपी में अपराधी, एसपी को दिया शपथपत्र
मेरठ। उत्तर प्रदेश के कैराना में दो अपराधी माफी मांगते नजर आए। गुरुवार को दोनों अपराधी एक कागज लेकर घूम रहे थे, जिस पर लिखा था कि 'मैं भविष्य में किसी भी अपराध में शामिल नहीं रहूंगा। मैं कठिन परिश्रम करके रुपए कमाउंगा। कृप्या हमें माफ कर दें।' दरअसल, उन्हें इस बात का डर है कि कहीं उत्तर प्रदेश पुलिस उनका एनकाउंटर ना कर दे, ऐसे में वो सार्वजनिक तौर पर माफी मांग रहे हैं। अपराधियों में से एक सलीम अली और दूसरा इरशाद अहमद है। इन दोनों अपराधियों पर हत्या और लूट कई कई मामले दर्ज है। बीते दिनों दोनों की जमानत हुई है। दोनों आरोपियों ने शामली के एसपी अजय पाल शर्मा को भी इस आशय की अपील का एक शपथपत्र दिया है। दोनों का कहना है कि उनके खिलाफ शामली और कैराना के थाने में कई मामले दर्ज है।
उनका कहना है कि वो अपराध की दुनिया छोड़ कर अच्छा जीवन व्यतीत करेंगे। उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहते हैं कि उनका भी दूसरे आरोपियों की तरह एनकाउंटर हो जाए। वो अब परिवरा के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहते हैं। कैरान के थाना प्रभारी भागवत सिंह के अनुसार दोनों के खिलाफ लूट और हत्या के 9 मामले दर्ज हैं। दोनों बीते ही महीने जमानत पर बाहर आए हैं। एसपी अजय पाल ने कहा कि सलीम और इरशाद ने उनसे मुलाकात की थी। यह अच्छी बात है कि वो अपराध की दुनिया छोड़कर अच्छी जिंदगी बिताना चाहते हैं। बता दें कि बीते 6 महीनों में अजय को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का तमगा दे दिया गया है। उन्होंने अब तक 6 से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर किया। इतना ही नहीं बीते दिनों शामली पहुंचे डीजीपी ओपी सिंह ने भी अजय से पूछा था कि आज तो कोई एनकाउंटर नहीं किया है। इसकी बात की बहुत चर्चा हुई थी।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ आगे भी चलती रहेंगी। गुरुवार को विधान परिषद में योगी ने शून्यकाल के दौरान सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह की सूचना पर ये बात कही थी। मुख्यमंत्री भाजपा के देवेन्द्र प्रताप सिंह की उस सूचना पर अपनी बात कह रहे थे, जिसमें 13 फरवरी को विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने नोएडा में फर्जी पुलिस मुठभेड़ में जितेंद्र यादव को पुलिस की गोली लगने और पिछले साल नोएडा में हुए एक हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने के आदेश के औचित्य पर सवाल उठाते हुए उस पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया था।
सभापति ने पिछली 13 फरवरी को समाजवादी पार्टी के सदस्यों के कार्यस्थगन की सूचना को अस्वीकार करते हुए सरकार को सुमित गुर्जर, जितेंद्र यादव और शिव कुमार यादव से संबंधित घटनाओं की सीबीआई से जांच कराने के निर्देश दिए थे। आपको बता दें कि बीते दिनों में कई मुठभेड़ों पर सवाल उठे हैं और उनके फर्जी होने की बात सामने आई।