गोरखपुर ऑक्सीजन कांड: बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य की जमानत नामंजूर
इलाहाबाद। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में प्राचार्य डॉ. राजीव कुमार मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। प्राचार्य डॉ. राजीव की जमानत वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हे किसी भी तरह की राहत देने से इन्कार कर दिया है। हाईकोर्ट ने प्राचार्य पर लगे आरोपो को गंभीर श्रेणी के मानते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि पिछले 7 महीने से जेल में बंद प्राचार्य डॉ. राजीव कि हाल फिलहाल जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर पानी फिर चुका है।
डॉ.
कफील
को
मिली
थी
जमानत
गौरतलब
है
कि
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
ने
बीआरडी
मेडिकल
कॉलेज
कांड
में
डॉक्टर
कफील
को
जमानत
दे
दी
थी
और
अब
उसे
जमानत
को
आधार
बनाकर
डॉ.
राजीव
कुमार
मिश्रा
ने
भी
हाईकोर्ट
में
याचिका
दाखिल
की
थी।
प्राचार्य
की
ओर
से
दलील
दी
गई
थी
कि
उनके
साथ
आरोपी
बनाये
गये
लोगो
को
जमानत
दी
गई
है।
हाईकोर्ट
ने
प्राचार्य
की
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
कहा
की
प्राचार्य
पर
आरोप
गंभीर
हैं।
उनके
द्वारा
ऑक्सीजन
देने
वाली
कंपनी
को
भुगतान
न
करने
के
कारण
व
कमीशन
के
चक्कर
में
भुगतान
रोकने
के
कारण
ही
अस्पताल
में
ऑक्सीजन
की
सप्लाई
नहीं
हुई।
यही
बच्चों
की
मौत
का
कारण
बना
है।
ऐसे
में
जमानत
नहीं
दी
जा
सकती
है
।
डबल
बेंच
में
हुई
सुनवाई
बीआरडी
मेडिकल
कॉलेज
गोरखपुर
के
प्राचार्य
डॉक्टर
राजीव
कुमार
मिश्रा
की
याचिका
पर
हाईकोर्ट
की
डबल
बेंच
में
सुनवाई
हुई।
न्यायमूर्ति
रमेश
सिंहा
और
न्यायमूर्ति
डीके
सिंह
की
खंडपीठ
ने
सुनवाई
शुरू
की
तो
प्राचार्य
की
ओर
से
दलील
दी
गई
कि
बच्चों
की
मौत
में
प्राचार्य
की
कोई
भूमिका
नहीं
थी।
इस
मामले
में
आरोपी
बनाए
गए
दूसरे
लोगों
को
जमानत
दी
गई
है।
ऐसे
में
उन्हें
भी
जमानत
दी
जानी
चाहिए।
हालांकि
हाईकोर्ट
ने
प्राचार्य
की
ओर
से
दी
गई
दलीलों
को
खास
तवज्जो
नहीं
दी
और
गंभीर
आरोपों
के
सापेक्ष
जमानत
देने
से
इंकार
कर
दिया।