उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

UP में नए बॉस की रेस, संतुलन साधने के लिए इन समीकरणों पर मंथन कर रही BJP

Google Oneindia News

लखनऊ, 02 अगस्त : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अगला बॉस कौन होगा इसकी रेस शुरू हो गई है। भाजपा के सूत्रों की माने तो पार्टी नए प्रमुख की तलाश में पश्चिम यूपी के किसी लोकप्रिय नेता को लाने पर विचार कर रही है। हालांकि बीजेपी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। एक खेमे का दावा है कि बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष कोई दलित होगा तो दूसरे का मानना कि पार्टी संगठन और सरकार में संतुलन साधने के लिए पश्चिमी यूपी के किसी नेता को ये जिम्मेदार दे सकती है। हालांकि सबके अपने अपने दावे हैं लेकिन नए बॉस का ऐलान कभी भी हो सकता है।

पश्चिमी यूपी से नए बॉस की चर्चा

पश्चिमी यूपी से नए बॉस की चर्चा

सूत्रों ने कहा कि किसी अन्य क्षेत्र से केंद्रीय नेतृत्व के सामने कोई अच्छा विकल्प सामने नहीं आ रहा है। अब तक पार्टी के नेताओं की राय है कि चूंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित भाजपा के प्रमुख नेता मध्य और पूर्वी यूपी क्षेत्रों से हैं, इसलिए पश्चिम यूपी से ही भाजपा प्रमुख होगा। इसमें भी दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन यूपी बीजेपी प्रमुख या तो पूर्वी यूपी या बुंदेलखंड क्षेत्र से रहे हैं। वर्तमान भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बुंदेलखंड क्षेत्र से हैं, उनके पूर्ववर्ती महेंद्र नाथ पांडे और उनके पूर्ववर्ती केशव प्रसाद मौर्य पूर्वी यूपी क्षेत्र से थे। हालांकि, केशव प्रसाद मौर्य के पूर्ववर्ती लक्ष्मीकांत बाजपेयी पश्चिम यूपी से थे। बाजपेयी मेरठ के रहने वाले हैं।

पश्चिमी यूपी के कई नाम चर्चा में

पश्चिमी यूपी के कई नाम चर्चा में

अभी तक पश्चिमी यूपी के जिन नेताओं के नाम समाने आ रहे हैं उनमें योगी 2.0 कैबिनेट में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी, बीजेपी महासचिव अश्विनी त्यागी और नोएडा और अलीगढ़ के सांसद डॉ महेश शर्मा और सतीश गौतम के नाम चर्चा में हैं। बदायूं के एक ओबीसी नेता बीएल वर्मा के नाम पर भी कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन हो सकता है, इस पर अभी चर्चा जारी है।

जातिय समीकरण साधने पर फोकस

जातिय समीकरण साधने पर फोकस

फोकस न केवल क्षेत्र पर बल्कि जाति समीकरण पर भी है। प्रभावशाली जातियां ब्राह्मण और ओबीसी शीर्ष पर हैं। दरअसल भाजपा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ पार्टी के जाति गुलदस्ते में बरकरार रखना चाहती है। पार्टी का मत है कि यूपी भाजपा प्रमुख का चयन एक ऐसी जाति से होना चाहिए, जिसकी उत्तर प्रदेश के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में सम्मानजनक उपस्थिति हो और सम्बंधित जाति का भी कुछ लोकसभा क्षेत्रों पर प्रभाव हो।

संगठन और सरकार में तालमेल बनाने वाले चेहरे की तलाश

संगठन और सरकार में तालमेल बनाने वाले चेहरे की तलाश

इसके अलावा, जाति और क्षेत्र के अलावा, पार्टी एक ऐसे व्यक्ति पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जो न केवल सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ, बल्कि भाजपा सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ भी समन्वय कर सकता हो, क्योंकि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में यूपी 75 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है। बीजेपी के अंदरखाने इस बात की भी चर्चा है कि बीजेपी की कमान एक दलित नेता को सौंपी जा सकती है।

दलित चेहरे को अध्यक्ष बनाने के पीछे ये तर्क

दलित चेहरे को अध्यक्ष बनाने के पीछे ये तर्क

दलित चेहरे को अध्यक्ष बनाने के पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि चूंकि राजपूत समुदाय से सीएम, ब्राह्मण समुदाय से डिप्टी सीएम और ओबीसी से डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं लिहाजा जातियों का समन्वय बनाने और दलित समाज में एक मैसेज देने के लिए दलित समुदाय से प्रदेश अध्यक्ष होना चाहिए। इससे भी संगठन और सरकार के बीच एक जातीय संतुलन बना रहेगा और इसका लाभ भी पार्टी को मिलेगा। दलित समुदाय में जिन नामों पर चर्चा हो रही है उसमें केंद्र सरकार में वर्तमान में मंत्री बनाए गए तीन दलित और कुछ दलित सांसदों के नामों पर चर्चा हो रही है।

यह भी पढ़ें- CM योगी ने 19 प्रभारी मंत्रियों के मंडल में तीसरी बार किया फेरबदल, जानिए इसकी वजहेंयह भी पढ़ें- CM योगी ने 19 प्रभारी मंत्रियों के मंडल में तीसरी बार किया फेरबदल, जानिए इसकी वजहें

Comments
English summary
BJP's New Boss race in UP, BJP is Trying to Equations to Caste Balance
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X