BHU वीसी ने छेड़खानी करनेवालों और हनीप्रीत को लेकर दिया बेतुका बयान
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के कुलपति ने निजी टेलीविजन पर बेतुका बयान देते हुए ये कह डाला कि आज जब देश की पुलिस और खुफिया तंत्र हनीप्रीत को नहीं पकड़ पा रही तो हम इतनी जल्दी छेड़खानी करने वालो को कैसे पकड़ सकते हैं। बता दें कि इस घटना में पीड़िता ने भी अपने जारी लेटर में कहा था कि जब शिकायत की गई तो प्रॉक्टर ने कहा था कि तुम लोग खुद दुष्ट हो और शाम को 6 बजे के बाद हॉस्टल से निकलने की जरूरत क्या है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब लाखों रुपये खर्च करने के बाद लड़कियों से लेकर वीसी तक की सुरक्षा प्रॉक्टोरियल बोर्ड और अधिकारी नहीं कर पा रहे तो क्या सिस्टम को बदलने की जरूरत नहीं है?
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बनारस हिन्दू यूनवर्सिटी में 23 तारीख की रात हुए तोड़फोड़, आगजनी, पथराव और लाठीचार्ज के बाद इस मामले में नई बाते सामने आई है। यूनवर्सिटी के वीसी गिरीश चन्द्र त्रिपाठी के हवाले से पीआरओ आफिस ने इस लेटर करते हुए खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा है कि छात्राओं पर लाठीचार्ज नहीं किया गया था। लाठियां उन पर चलाई गई थीं जिन्होंने धरना दे रहे छात्राओं से मिलने जाते समय घेर कर अराजकता फैलाई थी, यही नहीं गुनाहगार दूसरों को बताते हुए कुलपति ने ये लिखा कि खतरनाक किस्म के लोगों ने ही पीड़ित को बंधक बनाकर धरनास्थल पर बैठाए रखा था।
अराजकता
फैलाने
वालो
ने
मालवीय
जो
को
बनाया
निशाना
कुलपति
जीसी
त्रिपाठी
ने
अपनी
सफाई
देने
वाले
लेटर
में
लिखा
कि
मेरी
पीड़ित
लड़की
और
उसकी
सहेलियों
से
दो
बार
मुलाकात
हुई
थी
जिसके
बाद
पीड़िता
और
उसकी
सहेलियों
ने
मुझे
बताया
कि
अपनी
मांगों
के
लिए
कैम्पस
के
सिंह
द्वार
पर
छात्राओं
को
बाहरी
लोग
,पूर्व
छात्र
नेता
और
खतरनाक
किस्म
के
लोग
जबर्दस्ती
धरने
पर
बैठाए
हुए
है।
यही
नहीं
कुलपति
कहते
है
कि
23
की
रात
करीब
8.30
जब
मैं
लड़कियों
से
मिलने
त्रिवेणी
छात्रावास
के
बाहर
पहुँचा
तो
कैम्पस
का
वातावरण
खराब
करने
वालों
ने
मुझे
जबरदस्ती
रोक
लिया
और
पथराव
करने
के
साथ
ही
पेट्रोल
बम
भी
फेंके।
स्थिति
को
कंट्रोल
में
करने
और
लोगों
को
बाहर
भगाने
के
लिए
पुलिस
ने
बल
प्रयोग
किया
लेकिन
किसी
भी
छात्रा
को
एक
लाठी
नहीं
मारी
गयी
है।
जीसी
त्रिपाठी
ने
सफाई
देते
हुए
लिखा
है
कि
अराजकता
फैलाने
वालों
ने
मालवीय
जी
की
प्रतिमा
पर
कालिख
पोतने
का
प्रयास
भी
किया
जो
काम
राष्ट्र
के
खिलाफ
और
देश
द्रोह
से
कम
नही
है।
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