जेल से छूटने के बाद खुलकर बोले आजम खान, कहा- मैं हार्दिक पटेल नहीं, ज्ञानवापी मस्जिद पर कही ये बात
लखनऊ, 22 मई। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान लंबे समय के बाद जेल से बाहर आए हैं। शुक्रवार को उन्हें यूपी सीतापुर जेल से रिहा किया गया। 20 मई को उन्हें 27 हफ्तों के बाद जेल से रिहा किया गया। आजम खान के खिलाफ कई केस दर्ज हैं। जेल से रिहा होने के बाद आजम खान ने अपने ऊपर लगे केस के बारे में खुलकर बात की। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भी अपनी राय जाहिर की और भविष्य में उनकी राजनीति क्या होगी उसकी जानकारी दी।
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बता दें कि आजम खान के खिलाफ ईडी की टीम जौहर यूनिवर्सिटी मामले की जांच कर रही है। आजम खान के ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। जौहर यूनिुवर्सिटी के दस्तावेज के अनुसार आजम खान यूनिवर्सिटी की स्थायी वाइस जांसलर हैं। आजम खान ने कहा कि मुझे लोगों ने माफिया कहा क्योंकि जौहर यूनिवर्सिटी मेरा अपराध था। मुझपर बकरी, मुर्गी चुराने के आरोप लगाए गए। 20 दिन में मैं सबसे बड़ा अपराधी बन गया, मैं चुनाव में मुद्दा था। मुझे जेल में रहते उतने वोट मिले, जितने जेल के बाहर रहते नहीं मिले। कानूनी लड़ाई में सच तो सच होता है।
आजम खान ने कहा कि जेल में मुझसे मिलने वालों पर पाबंदियां थी। मैं किसी से मिल नहीं सकता था। मुझे बाहर की दुनिया के बारे में कुछ पता नहीं था। मैं बहुत छोटी सी जेल में रहता था, जिसे अंग्रेज कैदियों को रखने के लिए इस्तेमाल करते थे। सपा में अपने भविष्य को लेकर आजम खान ने कहा कि मैं हार्दिक पटेल नहीं हूं, मेरी अखिलेश यादव के सात कोई नाराजगी नहीं है। मैं अपना स्वास्थ्य बेहतर करूंगा, इसके बाद मैं सोचूंगा कि मुझे आगे किस दिशा में जाना है।
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में आजम खान ने कहा कि कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए और माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने की कोशिश की जानी चाहिए। बता दें कि जब आजम खान जेल से रिहा हुए थे तो उन्हें लेने के लिए शिवपाल सिंह यादव जेल पहुंचे थे, इसके साथ ही आजम खान के दोनों बेटे भी उन्हें लेने के लिए पहुंचे थे। लेकिन जिस तरह से सपा का कोई बड़ा नेता उन्हें लेने नहीं पहुंचा उसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। बहरहाल देखने वाली बात है कि क्या अखिलेश यादव आजम खान से मुलाकात करते हैं। हालांकि आजम खान की रिहाई के बाद अखिलेश ने ट्वीट करके लिखा था, सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक मा. श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं।पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियाँ नहीं!