बीमार बच्चों को देखने के लिए केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल गाड़ी से नहीं उतरीं!
कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल बीमार बच्चों को देखने के लिए मिर्जापुर के हॉस्पिटल पहुंचीं लेकिन उन्होंने गाड़ी से उतरने की जहमत नहींं उठाई। यह लोगों में चर्चा का विषय बन गया।
मिर्जापुर। मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री परिवार कल्याण व स्वास्थ्य मंत्री अनुप्रिया पटेल बुधवार की सुबह जेट्रोफा का फल खाने से बीमार हुए बच्चों का हाल जानने के लिए मंडलीय अस्पताल पहुंची थी। पर केंद्रीय मंत्री ने गाड़ी से उतरने की जहमत नहीं उठायी। जेट्रोफा खाने से 16 बच्चे बीमार हुए हैं। केंद्रीय मंत्री के पहुंचने पर जिलाधिकारी विमल कुमार दुबे, सीएमओ डा विधु गुप्ता मौके पर पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से गाड़ी में बैठे-बैठे ही पूरी जानकारी ली। मंत्री ने प्रभारी एसआईसी डा प्रदीप कुमार और बच्चे के डाक्टर आरके सिंह को बुलाकर बच्चों के उपचार के बारे में जानकारी ली। मंत्री के गाड़ी से न उतरना चर्चा का विषय बन गया।
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'सत्ता मिलते ही ये हाल हो गया'
लोगों का कहना था कि वोट के लिए ये नेता मलिन बस्तियों में जाते और सत्ता मिलने के बाद ये हाल हो जाता है। जो मंत्री अस्पताल आकर गाड़ी से नहीं उतर सकता वो क्या सुध लेंगी? जब गाड़ी से उतरना नहीं था तो मंत्री अस्पताल आयीं क्यों, अपने कार्यालय से ही अधिकारियों व डाक्टर को निर्देश दे देती।
जेट्रोफा का फल खाने से 16 बच्चे हुए बीमार
कटरा कोतवाली क्षेत्र के अनगढ़ महावीर मोहल्ले 16 बच्चे जेट्रोफा का फल खाकर शाम को बीमार हो गए। स्कूल से लौटते समय बच्चों ने रेलवे स्टेशन पार्क में स्थित जेट्रोफा के पेड़ से फल तोड़कर खाया और घर चले आए। शाम को छह बजे के करीब बच्चों को उल्टी शुरू हो गई तब परिजन परेशान हो गए। हालत बिगड़ने परिजनों ने 13 बच्चों को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। इसमें तीन बच्चों की हालत गंभीर है। उपचार के बाद बाकी की हालत में सुधार बताया गया।
रेलवे स्टेशन परिसर के पार्क से खाया जेट्रोफा का फल
अनगढ़ महावीर मोहल्ले के बच्चे रतनगंज स्थित महाराणा प्रताप जूनियर हाईस्कूल में पढ़ते हैं। दोपहर में छुट्टी होने के बाद बच्चे रेलवे स्टेशन की ओर गए और पार्क में खेलने लगे। रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित पार्क में जेट्रोफा का पेड़ लगा है। दो घंटे तक बच्चे यहीं उछलकूद मचाने के बाद शाम को चार बजे के करीब घर जाते समय पेड़ में लगे जेट्रोफ के फल तोड़कर खा लिए। कुछ फल लेकर आए और मोहल्ले के दूसरे बच्चों को भी स्वादिष्ट फल की बात बताकर खिला दिया। कुछ बच्चों ने बताया कि जो जेट्रोफा को लेकर आये, वे मोहल्ले में आकर एक रुपये का पांच फल बेच रहे थे। शाम को छह बजे तक एक-एक कर फल खाने वाले बच्चों को उल्टी और पेट में दर्द शुरू हो गया। बच्चों की हालत खराब होने पर परिजनों ने उनसे जानकारी ली तब जाकर पता चला कि जेट्रोफा खाए हैं। आनन-फानन में परिजन बच्चों को मंडलीय अस्पताल में ले आये। इसमें कुछ बच्चे ठीक हो गये। 13 बच्चों को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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