AMU Aligarh Republic Day पर धार्मिक नारेबाजी के कारण विवादों में, निलंबित छात्र के समर्थन में दोबारा नारे लगे!
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान धार्मिक नारे लगाने का आरोप है। विवादों के कारण सुर्खियों में रहने वाली यह संवेदनशील केंद्रीय विवि एक बार फिर धार्मिक नारेबाजी के आरोप के कारण कठघरे में है।
AMU Aligarh Republic Day के दिन कथित तौर पर धार्मिक नारेबाजी के कारण विवादों में है। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान धार्मिक नारेबाजी के लिए एक स्टूडेंट को निलंबित किए जाने के बाद साथी छात्रों ने निलंबन का विरोध किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने युवक के निलंबन के विरोध में एएमयू में फिर से धार्मिक नारे लगाए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक विरोध कर रहे स्टूडेंट 'अल्लाहु अकबर और नारा-ए-तकबीर' जैसे नारे लगाते सुने गए।
कौन से नारों पर हुआ विवाद
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान धार्मिक नारेबाजी के लिए एक स्टूडेंट को निलंबित किए जाने के बाद साथी छात्रों ने निलंबन का विरोध किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने युवक के निलंबन के विरोध में एएमयू में फिर से धार्मिक नारे लगाए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक विरोध कर रहे स्टूडेंट 'अल्लाहु अकबर और नारा-ए-तकबीर' जैसे नारे लगाते सुने गए।
NCC की यूनिफॉर्म में नारेबाजी !
रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों ने शुक्रवार की नमाज के बाद 'अल्लाहु अकबर और नारा-ए-तकबीर' (स्थिति या भावना से कोई फर्क नहीं पड़ता, भगवान हमेशा किसी वास्तविक या काल्पनिक इकाई से बड़ा होता है) के नारे लगाए प्रार्थना। नारेबाजी में संलिप्त लड़के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की यूनिफॉर्म पहने गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान धार्मिक नारे लगाने के आरोप में साथी छात्र वाहिदुज्जमा के निलंबन का विरोध कर रहे थे।
छात्र के निलंबन का विरोध
छात्रों ने अपने साथी छात्र का निलंबन रद्द करने की मांग की। इस संबंध में छात्रों ने एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यू-सीरीज़ में दिखाए गए तथ्य सही थे।
वायरल वीडियो में धार्मिक नारेबाजी पर दावे
बता दें कि विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान धार्मिक नारे लगाने वाले एक मुस्लिम छात्र को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित कर दिया। अलीगढ़ पुलिस ने मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की है। एनसीसी कैडेट के नारे लगाने का वीडियो अब वायरल हो गया है। हालांकि बाद में कुछ और वीडियो वायरल हुए, जिनमें हिंदू समुदाय के छात्र भी धार्मिक नारे लगाते देखे-सुने गए।
छात्रों ने पक्षपात के आरोप लगाए
निलंबन के खिलाफ आक्रोशित छात्रों के समूह ने आदेश को वापस लेने की मांग की। कई छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शुक्रवार की नमाज के बाद जामा मस्जिद से बाबा सैयद गेट तक एक विरोध मार्च में हिस्सा लिया। छात्रों ने कहा कि दोनों समुदायों ने धार्मिक नारेबाजी में भाग लिया था। विरोध कर रहे छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी एडमिन के अलावा अलीगढ़ पुलिस की कार्रवाई एक समुदाय के छात्र के खिलाफ की गई, जबकि अन्य को फ्री पास दिया गया।
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के कारण भी विवाद
एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने घटनाक्रम ने 'धार्मिक नारेबाजी' और सस्पेंशन की पुष्टि की और कहा कि छात्र अपने मन की बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उन्हें कानून का पालन करना चाहिए। गौरतलब है कि 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री के कारण भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवादों में रही है। इस मामले में एएमयू प्रॉक्टर वसीम अली ने एक बयान में कहा कि परिसर में बीबीसी फिल्म से संबंधित पोस्टर बाहरी लोगों ने लगाए थे न कि एएमयू से जुड़े लोगों ने।
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