UPPSC: डेटा डिलीट और सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ के बावजूद CBI को मिले कई अहम सुराग
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की धांधली की जांच कर रही सीबीआई को यहां कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी होने के बाद धांधली के सबूत मिटाने के लिए आयोग में कई खेल खेला गया है। सीबीआई के अनुसार आयोग के कंप्यूटरों से डेटा डिलीट कर दिया गया था। साथ ही सॉफ्टवेयर को भी बदल दिया गया है जिससे सीबीआई को कोई सुराग ना मिल सके। लेकिन सीबीआई ने अत्याधुनिक डिवाइस की मदद से डाटा बैकअप कर लिया है और सीबीआई के हाथ धांधली से जुड़े कई सुराग लग गए हैं।
कर्मचारियों पर सख्त हुई सीबीआई
दरअसल पिछले 4 दिनों से सीबीआई ने इलाहाबाद में डेरा डाला हुआ है। वह आयोग की भर्ती और यहां परीक्षाओं से जुड़ी फाइलों की पड़ताल कर रही है, लेकिन उसे कुछ हाथ नहीं लग रहा था। इसके बाद सीबीआई ने कर्मचारियों पर सख्ती बरतनी शुरू की तो धीरे-धीरे मामला सामने आने लगा। इसी बीच सीबीआई ने कंप्यूटर से डेटा डिलीट होने और सॉफ्टवेयर बदलने की जानकारी हाथ लगी। सीबीआई के सॉफ्टवेयर इंजीनियर रात में इलाहाबाद पहुंचे और जब उन्होंने अपनी माथापच्ची शुरु की तो सारी बातें सामने आने लगी। डिलीट किए गए डाटा का बैकअप लेने के लिए कड़ी मशक्कत की गई और अत्याधुनिक डिवाइस से उसे वापस लाने में सफलता हासिल की गई।
सीबीआई के लिए चुनौती
सीबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि परीक्षाओं से जुड़े सारे डेटा को हासिल किया जाए। सीबीआई के इलाहाबाद पहुंचने के बाद इसके लिए टीम प्रयासरत भी हैं। दिन में सीबीआई को सफलता ना मिलने पर रात में सॉफ्टवेयर इंजीनियर इलाहाबाद पहुंचे। कर्मचारियों से कड़ाई से पूछताछ के बाद काफी कुछ डाटा बैकअप करने में सफलता हासिल हुई। पुरानी भर्तियों के डाटा निकाल रही सीबीआई को काफी सफलता भी मिल रही है।
अभ्यर्थियों ने दिए हैं कई सुराग
गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई के इलाहाबाद पहुंचने पर सीबीआई ने स्थानीय अभ्यार्थियों व विद्यार्थियों के संगठन से भी मुलाकात की थी। उसके बाद अभ्यर्थियों ने अपने पास मौजूद आयोग की भर्तियों में हुई धांधली के कई सुराग सीबीआई को सौंपे थे। सीबीआई ने भी सर्किट हाउस में विशेष तौर पर इसके लिए एक अभियान चलाया और अभ्यर्थियों को वहां पर बुलाया गया कि अभ्यार्थी यहां आकर अपने पास मौजूद धांधली के सबूत दे सकते हैं। लगातार अभ्यर्थी इस बात के लिए सीबीआई के संपर्क में है कि जो कुछ भी उनके पास है वह CBI को दे दिया जाए और धांधली का जो जिन बोतल मे कैद है वह किसी तरह बोतल से बाहर आ सके।
हर दिन बढ़ रही है मुश्किल
जिस तरीके से सीबीआई की जांच शुरू हो गई है और जांच का दायरा बढ़ता चला जा रहा है। इससे आने वाले समय में कई कर्मचारियों समेत पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि UPPSC की भर्तियों में धांधली के जो सबूत मिल रहे हैं वह कहीं न कहीं इनके कार्यकाल से ही जुड़े हुए हैं। बता दें कि पीसीएस से लेकर कई बड़ी परीक्षा में धांधली हुई है। यहां अभ्यर्थियों के प्राप्त अंकों में हेरा-फेरी की गई है और साक्षात्कार के लिए बोर्ड भी बदले गए थे। ऐसे में सीबीआई इन्हीं बिंदुओं पर आगे बढ़ रही है।
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