इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर की रिंगिंग बेल के निदेशकों की जमानत
12 फरवरी 2017 को नोएडा के सेक्टर 20 थाने में रिंगिंग बेल के निदेशकों अनुराग गर्ग और संदेश वर्मा पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाली कंपनी रिंगिंग बेल के निदेशकों अनुराग गर्ग और संदेश वर्मा की जमानत मंजूर कर दी है। हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत देते हुए कहा है कि दोनों अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा कर दे ताकि वो देश छोड़कर बाहर न जाए। साथ ही प्रत्येक सप्ताह संबंधित न्यायालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए। याचिकाकर्ता को साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने की भी हिदायत दी गई है।
गौरतलब है कि इंटरनेट पर लाइक क्लिक के जरिए हजारों करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाली कंपनी रिंगिंग बेल को लेकर जमकर बवाल मचा हुआ है। कंपनी पर आरोप है कि उसके द्वारा लोगों को झूठे प्रलोभन दिए गए और ग्राहकों को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया।
सीबीआई कर रही है जांच
दरअसल अनुराग गर्ग और संदेश वर्मा ने रिंगिंग बेल नाम की ऑनलाइन कंपनी बनाई थी। इस कंपनी से जुड़े सैकड़ों लोगों ने हजारों करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। 12 फरवरी 2017 को नोएडा के सेक्टर 20 थाने में रिंगिंग बेल के निदेशकों अनुराग गर्ग और संदेश वर्मा पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 मई को जांच सीबीआई को सौंप दी।
हालांकि पुलिस की 15 मई 2017 को दाखिल की चार्जशीट में इन दोनों पर आरोप तय किए गए। जिसके चलते दोनों अरोपी जेल में हैं। जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में गए। अदालत में दलील दी गई है कि जब सीबीआई जांच कर रही है तो पुलिस जांच निराधार है। जिस पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अमर सिंह चौहान ने दोनों की जमानत सशर्त मंजूर कर दी।
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