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अखिलेश के फ्री स्मार्टफोन, कुकर, घी, दूध को यूपी के मतदाताओं ने नकारा

अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में किए गए कार्यों को भुनाने की कोशिश की। उन्होंने जनता के सामने अपने विकास कार्यों को पेश करने की कोशिश की। हालांकि अखिलेश का दांव नहीं चल सका।

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नई दिल्ली। यूपी चुनाव के नतीजों से जहां भारतीय जनता पार्टी में जश्न का माहौल है वहीं उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में करारा झटका लगा है। सपा में मचे घमासान के बीच पार्टी को मजबूती देने की कवायद में जुटे अखिलेश यादव के लिए इस बार के चुनाव नतीजे किसी बुरे सपने से कम नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने इस चुनाव में जीत के लिए जमकर प्रचार अभियान चलाया।

यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी की करारी हार

अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में किए गए कार्यों को भुनाने की कोशिश की। उन्होंने जनता के सामने अपने विकास कार्यों को पेश करने की कोशिश की। अखिलेश यादव को उम्मीद थी कि उनकी सरकार के किए गए कार्य शायद जनता को पसंद आएगा। यही वजह है कि उन्होंने 'काम बोलता है' का नारा बुलंद किया। इसके जरिए जनता के बीच अपने किए गए कार्य को भुनाने की कवायद की।

अखिलेश का हर दांव हुआ फेल

अखिलेश का हर दांव हुआ फेल

अखिलेश यादव ने स्कूली छात्रों के बीच बांटे गए लैपटॉप बांटे, छात्राओं के लिए योजना, किसानों के कर्ज माफ करने के मुद्दे को जनता के सामने पेश करने की कोशिश की। उन्होंने लखनऊ मेट्रो, जनेश्वर मिश्र पार्क, समाजवादी पेंशन, एम्बुलेंस सेवा, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे समेत तमाम विकास योजनाओं का जिक्र चुनावी रैलियों में किया। हालांकि अपनी सरकार के कार्यों और विकास के मुद्दे को भुनाने का अखिलेश का दांव नहीं चल सका।

लैपटॉप के बाद स्मार्टफोन का दांव हुआ फेल

लैपटॉप के बाद स्मार्टफोन का दांव हुआ फेल

इस बार के चुनाव में भी अखिलेश यादव ने यूपी की जनता को साधने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने इस बार स्मार्ट फोन, गृहणियों को घी देने जैसे मुद्दों को अपने चुनावी वादे में शामिल किया। उन्होंने विकास कार्यों को जारी रखने की बात कही। अखिलेश यादव की ओर से कहा गया कि उनका 'काम बोलता है', अभी कुछ काम बाकी हैं जिसे वो अगर फिर सरकार में आए तो आगे बढ़ाएंगे।

कांग्रेस से गठबंधन का भी नहीं मिला फायदा

कांग्रेस से गठबंधन का भी नहीं मिला फायदा

यूपी चुनाव में इस बार अखिलेश यादव ने जीत के लिए कांग्रेस पार्टी से गठबंधन भी किया। उन्हें उम्मीद थी कि राहुल गांधी के साथ आने से पार्टी को फायदा मिल सकता है लेकिन यूपी की जनता ने इस बार कुछ और ही तय कर रखा था। अखिलेश यादव का ये दांव नहीं चला। अखिलेश-राहुल के साथ आने पर नारा दिया गया कि 'यूपी को ये साथ पसंद है' हालांकि ये दांव भी फेल हो गए।

यूपी की जनता ने बदलाव के लिए बीजेपी के समर्थन में किया वोट

यूपी की जनता ने बदलाव के लिए बीजेपी के समर्थन में किया वोट

फिलहाल इस बार के चुनाव के नतीजे से साफ है कि यूपी की जनता ने बदलाव का प्लान करते हुए मतदान किया है। यही वजह है कि उन्होंने बीजेपी के समर्थन में दिल खोलकर मतदान किया। इसका फायदा आंकड़ों में भी दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने यूपी में शानदार जीत दर्ज करते हुए 300 से ज्यादा सीटें अपने नाम कर ली।

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English summary
Akhilesh yadav 'kaam bolta hai' slogan hits back sapa in UP assembly election 2017.
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