अखिलेश ने योगी सरकार से पूछा, बैंकों में पैसा नहीं तो कंपनियां कैसे करेंगी निवेश
नई दिल्ली। पिछले दिनों पीएम मोदी ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। इस कार्यक्रम में उद्योगपति मंगलम बिड़ला, गौतम अडानी समेत कई उद्योगपति भी शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम में करीब 75 बड़े उद्योगपति शामिल हुए। यूपी सरकार के इस कार्यक्रम पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल खड़े कर दिए हैं। अखिलेश में सरकार से पूछा है कि, जब बैंकों के पास ख़ुद ही पैसा नहीं है, तो निवेश के लिए इन कम्पनियों को पैसा कौन देगा?
गुरुवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि, जनता के टैक्स से निवेश के नाम पर खर्चीले आयोजन, लम्बे-लम्बे नाटकीय भाषण, हज़ारों करोड़ के निवेश की हवाई घोषणाएं, शिलान्यास की झूठी औपचारिकता भी...लेकिन अब तो भोली-भाली जनता भी ये पूछ रही है कि जब बैंकों के पास ख़ुद ही पैसा नहीं है, तो निवेश के लिए इन कम्पनियों को पैसा कौन देगा?
इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि, वे उद्योगपतियों से सार्वजनिक तौर पर मिलना पसंद करते हैं और उनके साथ दिखने से उन्हें डर नहीं लगता। उन्होंने कहा, गांधी जी भी आजादी की लडाई के दौरान बिड़ला के घर पर रहते थे। मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो उद्योगपतियों के साथ दिखने से डरते हैं। वे ऐसे लोग हैं जो पर्दे के पीछे उद्योगपतियों से मिलते हैं।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि जल्द ही उत्तर प्रदेश ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाला है और निवेश की इन परियोजनाओं के जरिए राज्य में दो लाख से अधिक रोजगार पैदा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पिछले जुलाई महीने में उत्तर प्रदेश का पांच बार दौरा कर चुके हैं।
NRC Draft: सरकारी स्कूल टीचर से लेकर सेना और पुलिस के जवान का नाम भी ड्राफ्ट से गायब