जितिन प्रसाद के बाद अब ललितेश ने भी किया कांग्रेस से किनारा, जानिए प्रियंका गांधी से क्यों बढ़ी दूरियां
लखनऊ, 20 सितंबर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटके पर झटका लग रहा है। कुछ महीने पहले ही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के खास और यूपी में ब्राह्मण चेहरा जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़कर भजापा का दाम थाम लिया था। लेकिन कुछ महीने के भीतर ही कांग्रेस को एक और झटका लगा है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पोते और कांग्रेस से विधायक रह चुके ललितेश पति त्रिपाठी ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। सूत्रों का कहना है कि उन्नाव से पूर्व सांसद अनु टंडन के साथ करीबी रिश्तों ने प्रियंका को नाराज कर दिया था। पिछले कुछ महीनों से वह ललितेश को इग्नोर कर रहीं थी। ललितेश को लगा कि कांग्रेस उन्हें अपनी पार्टी से निकाले उससे पहले ही उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। ऐसी अटकले लगाई जा रही हैं कि वो सपा के साथ जुड़ सकते हैं और वहां उन्हें ब्राह्मण चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा।
ललितेश के एक करीबी सूत्र ने बताया कि, दरअसल कांग्रेस के विधायक अजय राय, ललितेश पति त्रिपाठी कांग्रेस की पूर्व सांसद अनु टंडन के साथ मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में शामिल होने मुम्बई गए थे। इस यात्रा की भनक प्रियंका को लग गई थी। हालांकि अजय राय ने जाने से पहले ही प्रियंका से वहां जाने की मंजूरी ले ली थी लेकिन ललितेश प्रियंका को बिना बताए ही अनु टंडन के साथ अंबानी के बेटे की शादी में शामिल होने चले गए थे। उस सयम अनु टंडन भी कांग्रेस में ही थीं। लौटने के बाद हालांकि प्रिंयका ने सभी नेताओं को जमकर लताड़ लगाई थी। इसके बाद ही अनु टंडन ने उसी समय पार्टी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था। हालांकि ललितेश ने तब पार्टी नहीं छोड़ी थी लेकिन प्रियंका लगातार उन्हें नजरअंदाज करने लगी थीं।
ललितेश के एक बेहद करीबी ने बताया कि,
'' पिछले कुछ महीनों से प्रियंका का व्यवहार ललितेश को लेकर एक दम से बदल गया था। ललितेश पहले दिल्ली जाते थे तो प्रियंका और राहुल के साथ उनकी बिना रोक टोक के मुलाकात हो जाती थी। लेकिन अनु टंडन के साथ करीबी होने की वजह से इस पर ब्रेक लग गया। बाद में दिल्ली जाने पर भी राहुल और प्रियंका उनसे मिलते नहीं थे। उन्हें कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। अपने आपको इस तरह इगनोर होता देख ललितेश ने पार्टी से अलग होने का फैसला कर लिया।''
कांग्रेस
की
बुरी
स्थिति
को
देखकर
लिया
फैसला
ललितेश
के
एक
करीबी
सूत्र
ने
बताया
कि
युवा
कांग्रेस
नेता
ने
अपना
इस्तीफा
दिल्ली
में
सोनिया
गांधी
के
कार्यालय
को
भेजा,
न
कि
उत्तर
प्रदेश
कांग्रेस
कमेटी
(यूपीसीसी)
को
भेजा
है।
कई
राज्य
कांग्रेस
नेताओं
का
दावा
है
कि
ललितेश
के
पार्टी
छोड़ने
के
फैसले
का
कारण
उत्तर
प्रदेश
में
कांग्रेस
की
स्थिति
है।
ललितेश
तीन
चुनाव
हार
गए
-
2014
(लोकसभा
चुनाव),
2017
(विधानसभा
चुनाव),
और
2019
(लोकसभा
चुनाव)।
अगर
वह
एक
और
चुनाव
हार
जाता
है,
तो
उसका
करियर
खत्म
हो
सकता
है,
इसलिए
हो
सकता
है
कि
वह
जोखिम
न
उठाना
चाहे।
पूर्व
सांसद
अनु
टंडन
की
करीबी
से
प्रियंका
नाराज
कांग्रेस
के
एक
वरिष्ठ
नेता
ने
बताया
कि,
"वह पूर्व सांसद अन्नू टंडन के साथ अच्छे संबंध रखते हैं जो हाल ही में सपा में शामिल हुईं थीं। वह भी चाहती थीं कि वह सपा में शामिल हों।सपा को भी पूर्वी यूपी में एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरे की जरूरत है, और कमलापति के परपोते से बेहतर कौन हो सकता है। यूपी कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि ललितेश और यूपी कांग्रेस के कई अन्य पूर्व सांसद और विधायक, जो उम्मीद कर रहे थे कि पार्टी इस चुनाव में सपा के साथ गठबंधन करेगी।"
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि जितिन (प्रसाद) जून में चले गए, अब ललितेश भी आधिकारिक तौर पर निकल सकते हैं। कई अन्य वरिष्ठ नेता भी सपा और भाजपा के संपर्क में हैं। अगर इसी तरह की स्थिति बनी रही तो वे भी छोड़ सकते हैं। अगर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर सीट जीतने की कोई संभावना नहीं है तो कौन रहना चाहेगा?
ललितेश
को
पूर्वी
यूपी
के
13
जिलों
का
प्रभारी
बनाया
गया
था
कांग्रेस
नेता
ने
दावा
किया
कि
ललितेश
यूपीसीसी
के
भीतर
काम
करने
से
खुश
नहीं
हैं,
हालांकि
उन्हें
2020
में
पूर्वी
यूपी
में
13
जिलों
का
प्रभारी
बनाया
गया
था,
लेकिन
वह
उनकी
सहमति
के
बिना
नियुक्तियों
से
खुश
नहीं
थे।
नेता
ने
कहा
कि
ललितेश
का
परिवार
भी
पूर्व
एमएलसी
राजेशपति
त्रिपाठी,
ललितेशपति
त्रिपाठी
और
40
अन्य
के
खिलाफ
मिर्जापुर
जिले
के
मणिहान
इलाके
में
एक
सहकारी
समिति
के
नाम
पर
132
एकड़
जमीन
हड़पने
के
मामले
में
पुलिस
में
मामला
चला
रहा
है।
उन्होंने
कहा,
'उन्हें
पार्टी
से
उस
तरह
का
समर्थन
नहीं
मिला,
जिसकी
वे
इस
मुद्दे
पर
उम्मीद
कर
रहे
थे।
उनके
संभावित
इस्तीफे
के
पीछे
ये
कुछ
कारण
हो
सकते
हैं।
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