यूपी उपचुनाव: सिकंदरा में अलग हुए सपा और कांग्रेस
नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी की राहें जुदा हो गई हैं! यूपी विधानसभा चुनावों में एक साथ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कानपुर की सिकंदरा सीट पर 21 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए अलग-अलग उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। बात दें, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोनों पार्टियों का गठबंधन बने रहने की बात कर चुके हैं। सिकंदरा सीट भाजपा विधायक मथुरा प्रसाद पाल के निधन के बाद खाली हुई थी।
अलग हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी
अलग-अलग चुनाव लड़ने को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'फिलहाल हमारा किसी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है। कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी का गठबंधन यूपी चुनाव के लिए हुआ था और वो अब खत्म हो चुका है।'
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने दिया बयान
समाजवादी पार्टी के आगे की रणनीति पर बोलते हुए सुनील सिंह ने कहा, 'हम फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाला उपचुनाव में भी अलग से चुनाव लड़ेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि अगर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन होगा तो वह नए सिरे से होगा।
21 दिसंबर को होने वाला है चुनाव
वहीं कानपुर की सिकंदरा सीट पर 21 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव पर भाजपा ने जीत की उम्मीद जताई है। सिकंदरा सीट से दो बार भाजपा के विधायक रह चुके मथुरा प्रसाद पाल के बेटे अजित पाल को टिकट दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा को इस सीट पर सहानुभूति वाला वोट मिलने वाला है।
भाजपा को विधानसभा में मिली थी जीत
यूपी विधानसभा में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रहे थे और दोनों का प्रदर्शन बेहद खराब हुआ रहा था। वहीं भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिए मायावती की पार्टी की भी बुरी हार हुई थी।
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