Rajasthan : किन्नरों ने धर्म की बहन के भरा भात, जानिए कितने रुपए-आभूषण लेकर नाचते-गाते पहुंचे?
उदयपुर, 7 दिसम्बर। अभी तक आपने किन्नरों को शादी समारोह या अन्य किसी खुशी के मौके पर नाचते-गाते और बधाई मांगते हुए देखा होगा, लेकिन राजस्थान के उदयपुर जिले की झाड़ोल तहसील के ओगणा में सोमवार को एक अजीब मामला सामने आया है।
किन्नर परिवार के मुखिया ललिता कंवर ने भरा भात
ओगणा कस्बे में ही रहने वाले किन्नर परिवार के मुखिया ललिता कंवर ने अपनी धर्म की बहन कैलाशदेवी पत्नी देवीलाल खटीक के पुत्र विष्णु के विवाह के मौके पर मायरा भरा।
कैलाशी देवी के पीहर पक्ष से भी लोग मायरा लेकर आए
किन्नर समुदाय के मुखिया ललिता कंवर के साथ ही कैलाशी देवी के पीहर पक्ष से भी लोग मायरा लेकर आए। इस दौरान सभी किन्नर ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते हुए वैवाहिक स्थल पर पहुंचे।
किन्नरों द्वारा मायरा भरने का यह पहला उदाहरण
क्षेत्र में किन्नरों द्वारा मायरा भरने का यह पहला उदाहरण है, जिसे देखने के लिए भीड़ जुट गई। इस दौरान किन्नर परिवार के मुखिया ललिता कंवर के साथ इनके चेले प्रतिज्ञा, संजू, जुली, रोशनी, किरण सहित अन्य कई किन्नर भी मौजूद थे।
घर में किराए पर रहने के कारण बना रिश्ता
किन्नर परिवार के मुखिया करीब पांच वर्ष पूर्व ओगणा में रहने आए थे, तब किसी ने उन्हें मकान किराए पर नहीं दिया। देवीलाल खटीक ने उन्हें अपना घर किराए पर रहने को दिया था। सभी पांच वर्ष इन्हीं के घर में किराए पर रहने के कारण इनका पारिवारिक रिश्ता बन गया और देवीलाल की पत्नी कैलाशी देवी को किन्नर ललिता कंवर ने धर्म बहन बनाया। देवीलाल की चार लड़किया और दो लड़के है, जिसमें चारों लड़कियों की शादी हो चुकी है।
मायरे में लाए कान के झूमके, पायजेब और कपड़े
ललिता कंवर अपनी धर्म बहिन के परिवार को देने के लिए मायरे में ढाई तोले सोने के झुमके, पौन तोले सोने की अंगूठी, दस तोले चांदी के पायजेब, ग्यारह हजार रुपए नगद के साथ ही दूल्हे के लिए सूट व जूते, परिवार जनों के लिए साड़ियां, कपड़े और जूते लाए।
Premsukh Bishnoi : सरकारी स्कूल में पढ़कर बिना कोचिंग के बने IAS, क्यों नहीं भूलेंगे घड़साना आंदोलन?