केंद्र सरकार से लक्षद्वीप के प्रशासक को वापस बुलाने की मांग, केरल विधानसभा में पास किया गया प्रस्ताव
लक्षद्वीप सरकार द्वारा लाए गए नवीनतम सुधारों को वापस लेने की मांग को लेकर केरल की विधानसभा में सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया।
तिरुवनंतपुरम, 31 मई। लक्षद्वीप सरकार द्वारा लाए गए नवीनतम सुधारों को वापस लेने की मांग को लेकर केरल की विधानसभा में सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में इन सुधारों के प्रति नाराजगी जाहिर करने वाले लक्षद्वीप के लोगों के प्रति एकजुटता का वादा किया गया है। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने सोमवार को इस प्रस्ताव को पेश किया, जिसमें मांग की गई है कि द्वीप के लोगों की चिंताओं का तत्काल समाधान किया जाए। प्रस्ताव में लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल द्वारा पारित विवादास्पद सुधारों को वापस लेने की मांग की गई है। इसके साथ-साथ प्रस्ताव में केंद्र से लक्षद्वीप के प्रशासक को वापस बुलाने और इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का भी अनुरोध किया गया है।
द्वीप के निवासी लगातार कर रहे विरोध
आपको बता दें कि लक्षद्वीप के लोग नये नियम कानूनों विशेष रूप से असामाजिक गतिविधि विनियमन विधेयक, 2021 या गुंडा अधिनियम का लगातार विरोध कर रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि ये नियम अनावश्यक हैं क्योंकि द्वीप पर अपराध दर पहले से ही बहुत कम है।
बता दें कि लक्षद्वीप सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के संबंध में निर्वाचित जिला पंचायत की स्थानीय प्रशासनिक शक्तियों का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले किया है।
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शराब
बिक्री
को
दी
मंजूरी,
बीफ
किया
बैन
सरकार
ने
द्वीप
में
शराब
की
बिक्री
को
मंदूरी
दे
दी
है
और
बीफ
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
है।
इसके
अलावा
आंगनवाड़ी
बच्चों
के
मेन्यू
से
मांसाहारी
भोजन
को
भी
हटा
दिया
है।
मालूम
हो
कि
लक्षद्वीप
एक
मुस्लिम
बहुल
क्षेत्र
है
और
इसलिए
यहां
शराब
की
बिक्री
पर
पाबंदी
थी।
पिछले हफ्ते लक्षद्वीप के सांसद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मोहम्मद फैजल, कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल, सीपीआईएम-मार्क्सवादी नेताओं सहित कई नेताओं ने केंद्र और स्थानीय प्रशासन से जनता की मांगों पर ध्यान देने और नए सुधारों को वापस लेने का आह्वान किया। कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल द्वारा केरल के सीएम को लिखी चिट्ठी में कहा गया कि, 'लक्षद्वीप की सरकार इलाके में संघ परिवार के एजेंडे को लागू करने के प्रयास कर रही है।' उन्होंने आरोप लगाया कि फासीवादी एजेंडे को लागू करने के लिए प्रशासक एक साधन मात्र हैं।
कांग्रेस ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी
कांग्रेस पार्टी ने नए नियमों के खिलाफ राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है और नए नियमों को वापस लेने की मांग की है।
इससे पहले रविवार को सेव लक्षद्वीप कैंपेने के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर काला दिन मनाया। इस बीच, केरल के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को कोविड नियंत्रण उपायों का हवाला देते हुए लक्षद्वीप की यात्रा करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया गया। वहीं सीपीआई ने 31 मई को बेपोर और कोच्चि में लक्षद्वीप कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करने का भी फैसला किया है।