हैदरपोरा एनकाउंटर के विरोध में महबूबा मुफ्ती ने निकाला मार्च, बोलीं- सरकार शव वापस लौटाए...मुआवजा दे
15 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के हैदरपोरा में हुए एनकाउंटर के विरोध में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुफ्ती के घर से श्रीनगर स्थित राज्यपाल के आवास तक मार्च निकाला।
श्रीनगर, 21 नवंबर। 15 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के हैदरपोरा में हुए एनकाउंटर के विरोध में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुफ्ती के घर से श्रीनगर स्थित राज्यपाल के आवास तक मार्च निकाला। मार्च में भारी संख्या में पीडीपी के समर्थक मौजूद थे। मार्च के दौरान मीडिया से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस एनकाउंटर में मारे गए लोगों के शवों को सरकार को लौटाना होगा और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को इस एनकाउंटर को लेकर माफी मांगनी होगी। पीडीपी नेता ने कहा कि इस मामले में एक न्यायिक जांच होनी चाहिए।
बता दें कि इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि इस एनकाउंटर में मारे गए लोग कोई आतंकवादी नहीं थे बल्कि आम नागरिक थे। वहीं मुठभेड़ में मारे गए चार में से तीन लोगों के परिजनों का दावा है कि वे बेगुनाह थे। वहीं जम्मू-कश्मीर की तमाम विपक्षी दल इन परिवारों के समर्थन में आ गए हैं। वहीं इस मामले को लेकर गुरुवार को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन दिया गया। वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिये हैं।
J&K: PDP chief Mehbooba Mufti and her party workers marched in protest from her residence to Governor's House in Srinagar, over Hyderpora encounter.
"They'll have to return the bodies & give a compensation. LG will have to apologise. There should be a judicial probe," she says. pic.twitter.com/7OkOvFHqf5
— ANI (@ANI) November 21, 2021
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बता दें कि सोमबार को सुरक्षाबलों ने हैदरपोरा की एक इमारत में छुपे एक पाकिस्तानी आतंकी और उसके स्थानीय साथी आमर माग्रे और दो आम नागरिक मोहम्मद अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल को मार गिराया था। पुलिस के मुताबिक इस इमारत में अवैध कॉल सेंटर चलाया जा रहा था और यह आतंकियों के छुपने का ठिकाना था। वहीं इस मुठभेड़ में मारे गए भट, गुल और माग्रे के परिवारजन इस मुठभेड़ को हत्या बता रहे हैं और कह रहे हैं कि वे बेगुनाह थे।