क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जानिए काैन थे 'हिमाचली हाॅकी स्टार' चरणजीत सिंह, जिन्होंने दिलाया था गोल्ड मेडल

Google Oneindia News

ऊना। भारतीय खेल जगत के लिए आज यानी कि 27 जनवरी का दिन बेहद निराशाजनक रहा क्योंकि खेल प्रेमियों ने हॉकी खिलाड़ी चरणजीत सिंह को खो दिया। जी हां, भारतीय हाॅकी टीम के कप्तान रहे चरणजीत सिंह का 92 साल की उम्र में देहांत हो गया। उनके देहांत पर खेल जगत पर शोक की लहर है। वहीं हिमाचल वासियों के लिए भी गहरा झटका लगा है, जिन्होंने 'देवभूमि' में जन्में इस 'हिमाचली हाॅकी स्टार' को आज खो दिया।

यह भी पढ़ें- आपने उसमें कप्तान के रूप में क्या देखा? मनोज तिवारी ने उठाया चयनकर्ताओं पर सवाल

कहां तक की थी पढ़ाई

कहां तक की थी पढ़ाई

चरणजीत कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्होंने ऊना में अपने घर पर गुरुवार सुबह अंतिम सांस ली। सुबह पांच बजे उनका निधन हुआ। चरणजीत सिंह ऊना जिला मुख्यालय के पीरनिगाह रोड पर मैड़ी में रहते थे। जरणजीत का जन्म 3 फरवरी 1931 में ऊना में ही हुआ था। उन्होंने पंजाब के गुरदासपुर और लायलपुर से स्कूली पढ़ाई की। स्कूली पढ़ाई खत्म होने के बाद चरणजीत ने लुधियाना से एग्रीकल्चर में बीएसई की पढ़ाई की और बाद में वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक पद पर भी रहे।

बचपने से ही था हाॅकी के लिए जुनून

बचपने से ही था हाॅकी के लिए जुनून

खास बात यह है कि चरणजीत में हाॅकी के प्रति जुनून बचपन से ही था। स्कूल के समय में ही उन्होंने हाॅकी खेलना शुरू कर दिया। काॅलेज में प्रवेश करने के बाद भी चरणजीत ने हाॅकी के प्रति अपनी चाहत कम नहीं की थी। नतीजा यह रहा कि उन्हें राष्ट्रीय हाॅकी टीम में खेलने का माैका मिल गया। 1950 में उन्हें टीम में चुना गया। 1951 में चरणजीत भारतीय टीम के साथ पाकिस्तान दौरे पर भी गए थे। हिमाचल का नाम राैशन चरणजीत ने उस समय किया जब उन्हें 1964 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के लिए कप्तान चुना गया था। उनकी कप्तानी में टीम ने 1964 में टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। चरणजीत के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान से 1960 ओलंपिक का बदला लिया था। खिताबी मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 1-0 से हराया और गोल्ड मेडल जीता।

1964 में मिला था पद्मश्री सम्मान

1964 में मिला था पद्मश्री सम्मान

चरणजीत को 1960 में हुए रोम ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था। हालांकि वह फाइनल नहीं खेल पाए थे। फिर 1961 में चरणजीत भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान बने। 1962 में वह एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे। चरणजीत का प्रदर्शन हर साल निखरचता दिखा, जिसके चलते 1963 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया। फिर 1964 में ओलपिंक गोल्ड जीतने के बाद चरणजीत को सरकार ने पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया।

चरणजीत के निधन पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दुख व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा, ''देवभूमि हिमाचल के ऊना में जन्मे पूर्व भारतीय हाकी खिलाड़ी व कप्तान श्री चरणजीत सिंह जी का देवलोकगमन दुखदाई है। आपका देहावसान खेल जगत की एक बहुत बड़ी क्षति है। चरणजीत जी के नेतृत्व में ही भारतीय टीम ने 1964 में टोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था।खेल में उन्हें असाधारण प्रतिभा थी।''

Comments
English summary
Know who was 'Himachali hockey star' Charanjit Singh
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X