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जब मैच हारने वाला था भारत, गुस्से में आकर दर्शकों ने स्टेडियम में लगा दी आग

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नई दिल्ली। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसको हर पीढ़ी के लोग देखना पसंद करते हैं। खासकर, जब भारत का कोई बड़ा मैच हो। वैसे तो पाकिस्तान के खिलाफ मैच देखने के लिए फैंस ज्यादा उत्सुक रहते हैं क्योंकि इस दाैरान ना सिर्फ खिलाड़ियों में आपसी बहस देखने को मिलती है बल्कि दोनों देशों के प्रशंसकों का भी बेजोड़ समर्थन देखने को मिलता है। हालांकि कई मैच भारत के अन्य टीमों के साथ भी ऐसे रहे हैं जो काफी रोमांचक रहे। बड़े टूर्नामेंट्स में फैंस भारत की हार पसंद नहीं करते। उनकी जीत के लिए हवन तक किए जाते हैं। वहीं एक मैच ऐसा भी रहा था जब भारत हारने वाला था और गुस्से में आकर दर्शकों ने स्टेडियम में आग लगा दी थी। ये घटना कब घटी थी, आइए जानें-

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ईडन गार्डन में हुआ था हादसा

ईडन गार्डन में हुआ था हादसा

यह हादसा कोलकाता के ईडन गार्डन में हुआ, जब 1996 के विश्व कप में 13 मार्च को भारत-श्रीलंका के बीच मैच खेला गया था। यह सेमीफाइनल मुकाबला था, इसलिए भारतीय फैंस अपनी टीम को जीतते हुए फाइनल की ओर जाती देखना चाहती थी। टीम की कमान मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों थी, जिन्होंने टाॅस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 8 विकेट पर 252 रनों का लक्ष्य रखा दिया। जगवाल श्रीनाथ ने 7 ओवर में 34 रन देकर सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए थे। सचिन तेंदुलकर ने भी गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में सिर्फ 34 रन देकर 2 विकेट लिए थे। यह लक्ष्य कोई बहुत बड़ा नहीं था क्योंकि भारतीय टीम में कई दिग्गज शामिल थे, लेकिन खेल सब उल्टा पड़ गया।

दर्शकों ने स्टेडियम में लगा दी आग

दर्शकों ने स्टेडियम में लगा दी आग

लक्ष्य करने उतरी भारतीय टीम के लिए ओपनिंग करने सचिन के साथ वजोत सिंह सिद्धू उतरे। टीम को पहला झटका 3 के स्कोर पर ही लग गया, जब सिद्धू महज 3 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि इसके बाद सचिन ने तीसरे नंबर पर आए संजय मांजरेकर के साथ मिलकर पारी को संभाला। दोनों के बीच 90 रनों की साझेदारी हुई। जैसे ही 98 के स्कोर पर सचिन 88 गेंदों में 65 रन बनाकर आउट हुए तो उसके बाद टीम ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी।

मांजरेकर भी फिर 25 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन (0), जगवाल श्रीनाथ (6), अजय जडेजा (0), नयन मोंगिया (1), अशीष कपूर (0) ने सस्ते में आउट होकर भारत को मुश्किल में ला दिया। 33 ओवर में महज 120 के स्कोर पर भारत के 7 विकेट गिर चुके थे। जैसे ही 34वां ओवर मुथैया मुरलीधरन आए तो उन्होंने पहली ही गेंद पर कपूर को आउट कर 8वां विकेट गिरा दिया, लेकिन इसके साथ ही स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने गुस्सा दिखा दिया। दर्शकों को लगा कि अब भारत मैच हारने की कगार पर खड़ा है तो गुस्साए दर्शकों ने स्टेडियम में बवाल करना शुरु कर दिया और मैदान पर बोतलें फेंकना शुरू कर दीं। दर्शकों को भड़कता देख तुरंत मैच को रोकना पड़ा। लेकिन हद तो तब हो गई थी, जब दर्शकों ने स्टेडियम में आग लगा दी। दर्शकों ने सीटों को आग से जला दिया, जिस कारण भारतीय क्रिकेट को बदनामी सहनी पड़ी। इस घटना की क्रिकेट जगत में खूब आलोचना भी हुई थी।

श्रीलंका के पक्ष में आया फिर फैसला

श्रीलंका के पक्ष में आया फिर फैसला

यह मैच आईसीसी विश्व कप का था, तो इसका नतीजा निकालना भी जरूरी था ताकि टूर्नामेंट बाधित ना हो। ऐसे में जब मैच हंगामे के चलते रूक गया तो मैच रेफरी ने खेल को वहां ही रोक दिया और कुछ ही मिनटों में श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया। श्रीलंका सीधा फाइनल में पहुंच गया तो भारत का अपने घर तब टूर्नामेंट जीतने का सपना टूट गया। भारत ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहला विश्व कप जीता। फिर 1996 में माैका आया तो सेमीफाइनल मुकाबले ने उन्हें बदनाम कर दिया।

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English summary
When India was about to lose the match, the fans got angry and set the stadium on fire
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