कारगिल युद्ध में लड़ने के लिए तैयार हो गए थे शोएब अख्तर, कश्मीर में बैठे एक दोस्त को भी उकसाया था
नई दिल्ली, जुलाई 26। कारगिल में पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में मिली ऐतिहासिक जीत को आज 23 साल पूरे हो गए हैं। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को पटखनी दी थी। इस युद्ध की वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के रिश्तों में ऐसी खटास आई थी कि वो अभी तक बरकरार है। जब भारत-पाकिस्तान के बीच यह युद्ध चल रहा था तो उस पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर हिंदुस्तान के खिलाफ इस जंग में उतरने के लिए तैयार हो गए थे। जी हां, यह बात सच है कि शोएब अख्तर ने भारत पर हमला करने की तैयारी की थी।
जंग में शामिल होने के लिए की थी जनरल से बात
शोएब अख्तर ने अपने एक लेटेस्ट इंटरव्यू में बताया है कि कारगिल वॉर के दौरान वो पाकिस्तानी सेना की ओर से लड़ने के लिए तैयार थे और इसके लिए उन्होंने पाकिस्तानी जनरल से बात भी की थी। शोएब अख्तर ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना का हिस्सा बनने के लिए ना सिर्फ पाकिस्तानी जनरल से बात की थी बल्कि उन्होंने उस वक्त 1 करोड़ रुपए का एक ऑफर भी ठुकरा दिया था, जो उन्हें नॉटिंघमशर के काउंटी टीम से मिला था।
शोएब ने परवेज मुशर्रफ से की थी बात
ARY न्यूज से बात करते हुए शोएब अख्तर ने कहा है, "लोगों को मेरी इस कहानी के बारे में बहुत कम पता होगा, लेकिन मैंने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की ओर से लड़ने का फैसला कर लिया था और उसके लिए इंग्लैंड की काउंटी टीम नॉटिंघमशर से मिला 1 करोड़ 16 लाख रुपये से ज्यादा का ऑफर भी ठुकराया था।" अख्तर ने आगे कहा कि जंग का हिस्सा बनने के लिए उन्होंने पाकिस्तानी जनरल परवेज मुशर्रफ से बात की थी और उन्होंने कहा था कि वो वहां क्या करेंगे, जंग शुरू होने वाली हैं, हम लड़ने के लिए हैं।
कश्मीर में एक दोस्त को शोएब ने उकसाया था
शोएब अख्तर ने बताया है कि उन्हें परवेज मुशर्रफ ने यह कहा था कि वो वहां जंग के मैदान में क्या करेंगे? हम सब लड़ने के लिए हैं। शोएब अख्तर के मुताबिक, उन्होंने कश्मीर में अपने एक दोस्त को भी फोन कर कहा कि वो भी युद्ध लड़ने के लिए तैयार रहे। आपको बता दें कि शोएब अख्तर का हिंदुस्तान के प्रति यह रूख क्रिकेट के मैदान पर भी दिखता था। वो अक्सर भारतीय खिलाड़ियों से पंगे लेते रहते थे।