
बांग्लादेश का छलका दर्द, “बार-बार वही कहानी ! हम भारत से जीतते-जीतते अंत में हार जाते हैं”
“पिछले कुछ समय से हमारा भारत के साथ यही हो रहा है। हम जीतते- जीतते अंत में हार जाते हैं।” टी-20 विश्वकप में भारत से मिली हार के बाद शाकीबुल हसन का दर्द एकबारगी से छलक पड़ा। कांटे के मुकाबले में बांग्लादेश 5 रनों से हार गया। बांग्लादेश पहले 7 ओवर में 66 रन बना कर जीत की राह पर जाता हुआ दिख रहा था। लेकिन बारिश के बाद हालात अचानक बदल गये। लिटन दास का विकेट मैच का टर्निंग प्वाइंट था। इसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे। आखिरी 9 ओवर में बांग्लादेश 79 रन ही बना सका और उसके 6 विकेट गिर गये। अंतिम ओवर में 20 रन चाहिए थे। लेकिन 14 ही बन पाये। इस तरह बांग्लादेश के हाथ से जीत फिसल गयी।

बारिश का आना और लिटन दास का जाना
टी-20 विश्वकप 2022 का यह अहम मैच था। सेमीफाइनल की राह सुनिश्चित करने के लिए भारत के लिए इस मैच का जीतना जरूरी था। दूसरी तरफ अगर बांग्लादेश यह मैच जीत जाता तो 6 अंकों के साथ वह ग्रुप के टॉप पर पहुंच जाता। ऐसी स्थिति में भारत किंतु-परंतु के भंवर में भवंर जाता। जब लिटन दास बैटिंग कर रहे थे तब मैच भारत के पाले से दूर जा रहा था। बारिश के कारण बांग्लादेश का टारगेट बदल गया। उसे 20 ओवर में 185 की बजाय 16 ओवर में 151 बनाने थे। खेल फिर शुरू हुआ। लिटन दास आठवें ओवर की दूसरी गेंद पर रन आउट हुए। केएल राहुल ने एक विस्मयकारी थ्रो ने रनों के तूफान को रोक दिया। 9वें ओवर तक बांग्लादेश को 48 गेंदों पर 77 रन बनाने थी। यानी जरूरी रन रेट दस से कम था और हाथ में 9 विकेट भी थे। मैच अभी भी बांग्लादेश की तरफ झुका हुआ था।
सटीक कप्तानी, दो ओवर में 4 विकेट
10वें ओवर में मोहम्मद शमी ने मैच का रूख भारत की तरफ मोड़ दिया। उन्होंने केवल 4 रन दिये और नजीमुल शांतो का विकेट भी लिया। इस ओवर के बाद बांग्लादेश का रिक्वायर्ड रन रेट 10.50 पर पहुंच गया। फिर टारगेट बढ़ता ही गया। 12वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने बांग्लादेश की कमर तोड़ दी। उन्होंने आरिफ के अलावा शाकिबुल हसन का कीमती विकेट भी लिया। लिटन दास के बाद शाकिब ही वह खिलाड़ी थे जो भारत के जबड़े से जीत छीन सकते थे। अर्शदीप के इस ओवर ने बांग्लादेश की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया। अब उसे जीत के लिए प्रति ओवर साढ़े बारह रन बनाने थे। 13वें ओवर में हार्दिक ने दो विकेट लेकर भारत की जीत के दरवाजे खोल दिये। इस मैच में रोहित शर्मा ने भले रन नहीं बनाये लेकिन दबाव में सधी हुई कप्तानी की। गेंदबाजी में सटीक बदलाव से मैच का रुख बदलते रहा।
अर्शदीप पर दांव खेला और जीत गया भारत
16 ओवर का मैच होने के कारण किसी एक गेंदबाज को ही चार ओवर करने थे। मोहम्मद शमी ने 10वें ओवर में चार रन दे कर एक विकेट लिया था। तनाव के बीच यह एक शानदार बॉलिंग थी। वे तीन ओवर में 25 रन देकर एक विकेट ले चुके थे। कप्तान रोहित शर्मा के सामने एक बड़ा सवाल था कि अंतिम ओवर की जिम्मेदारी किसे दें ? शमी या अर्शदीप ? कप्तान ने अर्शदीप पर दांव लगाया। बांग्लादेश को अंतिम दो ओवरों में 31 रन चाहिए थे। 15वें ओवर में हार्दिक ने 11 रन दिये। अब 16वें और अंतिम ओवर में बांग्लादेश को जीत के लिए 20 रन बनाने थे। टारगेट बहुत बड़ा था। नुरुल हसन और तस्कीन अहमद के लिए इसे पाना आसान न था। अर्शदीप ने इस ओवर में 14 रन ही बनने दिये। आखिरकार बांग्लादेश 5 रनों से मैच हार गया।
कभी 1 रन से हारे तो कभी अंतिम गेंद पर 6 से
इस हार पर शाकिब के दर्द का छलकना वाजिब भी है। उनकी टीम पहले भी नजदीकी मुकाबलों में भारत से हारती रही है। 2016 के टी-20 विश्वकप में भी बांग्लादेश, भारत के खिलाफ केवल 1 रन से मैच हार गया था। उस समय महेन्द्र सिंह धोनी कप्तान थे। बांग्लादेश को अंतिम दो ओवरों में 17 रन बनाने थे। महमदुल्ला और मुशफिकुर रहीम क्रीज पर थे। दोनों हार्ड हीटर थे और जीत आसान लग रही थी। लेकिन 19वें ओवर में जसप्रीत बुमराह ने केवल 6 रन दिये। अब अंतिम ओवर में 11 रन बनाने थे। इस अहम मोड़ पर धोनी ने हार्दिक पांड्या पर दांव खेला था। हार्दिक के इस ओवर में मुशफिकुर ने दो चौके लगा कर मैच बांग्लादेश की तरफ मोड़ दिया था। तीन गेदों पर 9 रन बन चुके थे। अब जीत के लिए 3 गेदों पर 2 रन चाहिए थे। लेकिन तभी हार्दिक ने चमत्कार कर दिया। उन्होंने चौथी और पांचवीं गेंद पर विकेट लेकर मैच का नक्शा ही पलट दिया। बांग्लादेश के पास अभी मौका था। उसे एक गेंद पर 2 रन बनाने थे। लेकिन आखिरी गेंद पर मुस्तफिजुर रहमान रन आउट हो गये। रोमांच से भरे इस मैच को भारत ने एक रन से यह मैच जीत लिया था। इसी तरह 2018 में निदहास ट्रॉफी के फाइनल में दिनेश कार्तिक ने अंतिम गेंद पर छक्का लगा कर बांग्लादेश के जबड़े से जीत छीन ली थी।