'युवराज की उस गेंद ने बदल दी मेरी जिंदगी', ब्रावो ने सुनाया 2006 का वो किस्सा जिसने बनाया टी20 करियर
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे मशहूर टी20 क्रिकेट लीग आईपीएल के 15वें सीजन का आगाज हो चुका है, जिसके पहले मैच में हार का सामना करने के बाद डिफेंडिंग चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स की टीम लखनऊ के खिलाफ दूसरे मैच में खेलने को तैयार है। सीएसके की टीम ने पहले मैच में खराब बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 131 रनों का स्कोर खड़ा किया लेकिन ड्वेन ब्रावो की शानदार गेंदबाजी के दम पर मैच को 19वें ओवर तक ले जाने में कामयाब रही थी।
ब्रावो ने इस मैच में 3 विकेट चटकाने का कारनामा किया था और आईपीएल के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज लसिथ मलिंगा (170 विकेट) के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। ऐसे में जब लखनऊ के सामने वो खेलने उतरेंगे तो उनके पास इस फेहरिस्त में सबसे आगे निकलने का मौका होगा। इस बीच ड्वेन ब्रावो ने साल 2006 के उस वाकये को याद किया है जिसने उनकी दुनिया बदल कर इतना शानदार टी20 करियर बनाने में मदद की।
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जब एक रन से हार गया था भारत
साल 2006 में जब भारतीय टीम ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी में 5 मैचों की वनडे और 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का दौरा किया था तो भारतीय टीम को वनडे में 1-4 से हार का सामना करना पड़ा ता जबकि टेस्ट सीरीज को उसने 1-0 से अपने नाम किया था। भारतीय टीम ने सीरीज के पहले मैच में 5 विकेट की जीत के साथ आगाज किया था लेकिन उसी मैदान पर खेला गया दूसरा मैच फैन्स को आज भी याद है जिसमें भारत को एक रन की दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा था।
16 साल बाद ब्रावो ने किया खुलासा
इस मैच में ड्वेन ब्रावो ने जिस तरह से युवराज सिंह को बोल्ड किया था उसकी तस्वीरें आज भी फैन्स के मन में एकदम ताजा बनी हुई हैं। इस मैच के 16 साल बाद वेस्टइंडीज के इस दिग्गज ऑलराउंडर ने बताया कि कैसे युवराज को फेंकी गई उस गेंद ने उनका पूरा जीवन बदल दिया।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए ब्रावो ने कहा,'उस गेंद ने मेरी दुनिया बना दी और सारी दुनिया का ध्यान मेरी ओर कर दिया कि मेरे पास क्रिकेट की बेस्ट चेंज अप गेंद में से एक है और इसकी वजह से ही मेरा पूरा टी20 करियर बन पाया है।'
स्लोवर गेंद पर युवराज हुए थे बोल्ड
उल्लेखनीय है कि ब्रावो की गेंद पर आउट होने से पहले युवराज सिंह ने लगातार दो गेंदों पर 2 चौके लगाये थे, जिसकी वजह से भारतीय टीम को जीत के लिये 5 गेंदों पर 10 रन की बजाय 3 गेंदों पर सिर्फ 2 रन की दरकार रह गई थी। आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर ब्रावो ने एक स्लोवर गेंद फेंकी जिस पर युवराज सिंह गति को पहचान पाने में नाकाम रहे और गेंद को स्क्वॉयर की दिशा में फ्लिक करने के चक्कर में बोल्ड हो गये। गेंद सीधा लेग स्टंप पर जाकर लगी और वेस्टइंडीज की टीम ने इस रोमांचक मैच में एक रन से जीत हासिल की। इसके बाद भारतीय टीम सीरीज में एक भी मैच नहीं जीत सकी।
आखिरी समय तक नहीं पता था कौनी सी फेंकूंगा गेंद
ब्रावो ने इस गेंद पर खुलासा करते हुए बताया कि कैसे वेस्टइंडीज के कप्तान ब्रायन लारा ने इस गेंद से पहले उनके साथ फील्डिंग प्लेसमेंट को लेकर चर्चा की थी और उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वो क्या गेंद फेंकने वाले हैं। ब्रावो ने आगे बताया कि जब वो गेंद को लेकर रन अप पर भाग रहे थे और अंपायर के पास पहुंचे थे तो उन्हें तब तक कोई अंदाजा नहीं था कि वो कौन सी गेंद फेंकने वाले हैं।
उन्होंने कहा,'मैंने तब तक कुछ नहीं सोचा था कि मुझे कौन सी गेंद फेंकने वाला हूं। मुझे आज भी ठीक से याद है कि जब मैं अपना रन अप लेने पहुंचा था तब से लेकर अंपायर तक पहुंचने तक मुझे नहीं पता था कि कौन सी गेंद फेंकनी है लेकिन जैसे ही अंपायर के पास पहुंचा तो मैंने फैसला किया कि मैं डिपर फेंकूंगा। मेरे करियर में बहुत सारी गेंद मेरी पसंदीदा है लेकिन युवराज को फेंकी गई उस गेंद ने मेरा जीवन बदल दिया।'