
खत्म नहीं हो रहा 'Fake Fielding' विवाद, अब बांग्लादेश करेगा इसकी शिकायत
India Bangladesh Fake Fieldnig Cheating Virat Kohli: भारत और बांग्लादेश के बीच हुए मैच में जिस तरह की अंपायरिंग हुई उसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने फैसला लिया है कि वह विवादित अंपायरिंग की शिकायत आधिकारिक तौर पर सही मंच पर करेगी। बांग्लादेशस का कहना है कि मैच के दौरान अंपायरों ने उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं की लिहाजा वह अंपायरों के खिलाफ सही मंच पर शिकायत दर्ज कराएंगे। बांग्लादेश के विकेट कीपर नूरुल हसन ने आरोप लगाया था कि विराट कोहली ने मैच के दौरान फेक फील्डिंग की थी लेकिन अंपायर्स ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया।
Recommended Video

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के ऑपरेशनल चेयरमैन जलाल यूनिस ने कहा कि अंपायर मरेस इरेस्मस और क्रिस ब्राउन इस वाकये को देख नहीं पाए जोकि सातवे ओवर में हुआ, जब बांग्लादेश की टीम बल्लेबाजी कर रही थी। बांग्लादेश का कहना है कि सातवे ओवर में जब गेंद अर्शदीप सिंह थ्रो कर रहे थे इस दौरान विराट कोहली ने फेक फील्डिंग की लेकिन अंपायर्स ने इसपर ध्यान नहीं दिया। अगर अंपायर इसपर ध्यान देते तो बांग्लादेश को इसके पांच रन पेनाल्टी के रुप में मिलते और मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था। लेकिन इस घटना पर ना तो दोनों बल्लेबाजों का नजर गई और ना ही अंपायर्स की। उस वक्त लिटन दास और शांतो बल्लेबाजी कर हे थे।
जलाल ने कहा कि हमने इसके बारे में बात की। आपने इसे टीवी पर देखा, सबकुछ आपके सामने हुआ। एक फेक फील्डिंग की घटना हुई, हमने इसकी जानकारी अंपायर्स को दी, लेकिन उन्होंने कहा कि हमने नहीं देखा यही वजह है कि उन्होंने इसे रिव्यू नहीं किया। शाकिब ने इसके बारे में अंपायर से चर्चा की, यहां तक कि मैच के बाद भी उनसे इस बारे में बात की। आईसीसी के नियम 41.5 के अनुसार अगर अगर बल्लेबाज को जानबूझकर बाधित किया जाता है, उसका ध्यान भटकाया जाता है तो अंपायर इस गेंद को डेड बॉल करार दे सकते हैं और 5 रन पेनाल्टी के तौर पर दे सकते हैं।
मैच के दौरान दूसरी घटना का जिक्र करते हुए जलाल ने कहा कि शाकिब ने गीली आउटफिट को लेकर चर्चा की, उन्होंने अंपायर से कहा कि आप कुछ समय और ले सकते हैं, मैदान सूख जाए उसके बाद मैच शुरू कीजिए। लेकिन इसमे अंपायर का फैसला अंतिम होता है, लिहाजा इसमे बहस की कोई बात नहीं है। उस वक्त सिर्फ एक ही फैसला लिया जा सकता था कि आप खेलना चाहते हैं या नहीं। अंपायर के फैसले हमारे दिमाग में हैं और हम इस मुद्दे को सही मंच पर उठाएंगे।