हिमाचल कैबिनेट से BJP मंत्री अनिल शर्मा को हटाने की तैयारी! पिता और बेटे हुए कांग्रेस में शामिल
Shimla news, शिमला। हिमाचल की जयराम सरकार में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा को भाजपा नेतृत्व ने केबिनेट से बाहर करने का मन बना लिया है। अनिल शर्मा पूर्व संचार मंत्री पंडित सुखराम के बेटे हैं व उनके बेटे आश्रय शर्मा ने हाल ही में कांग्रेस का दामन थाम मंडी संसदीय चुनाव क्षेत्र से टिकट हासिल किया है।
बेटे के लिए प्रचार पर अनिल ने कहा
बहरहाल,अनिल शर्मा भाजपा में ही हैं और सरकार में मंत्री पद पर आसीन हैं। उन्होंने संसदीय चुनाव में मंडी में भाजपा या अपने बेटे का प्रचार करने से साफ मना कर दिया है। लेकिन भाजपा को उनका यह फैसला रास नहीं आ रहा। यही वजह है कि पार्टी आलाकमान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को आज दिल्ली तलब कर लिया है। बताया जा रहा है कि आज रात या कल तक पार्टी अनिल शर्मा के भविष्य को लेकर कोई ठोस फैसला ले लेगी। दरअसल, दो अप्रैल को ही आश्रय शर्मा टिकट हासिल करने के बाद मंडी पहुंच रहे हैं। कांग्रेस पार्टी बड़े पैमाने पर उनके आने पर जश्न मनाने जा रही है। भाजपा सूत्रों का मानना है कि मौजूदा हालत में अनिल शर्मा के सरकार में बने रहने से जनता में गलत संदेश जायेगा। लिहाजा उन्हें हटाने को लेकर तैयारी कर ली गई है। जिसके चलते ही सीएम दिल्ली बुलाये गये हैं। सीएम अपना चुनाव प्रचार बीच में छोड़ दिल्ली गये हैं। जाहिर है मामला गंभीर है व समय रहते इस पर फैसला लिया जायेगा।
भाजपा सरकार के मंत्री हैं अनिल शर्मा
इससे पहले सीएम खुद कह चुके हैं कि भाजपा का सदस्य होने के नाते अनिल शर्मा को भाजपा के चुनाव प्रचार में भाग लेना होगा। अनिल शर्मा को लेकर रुख स्पष्ट करते हुये कहा कि अनिल शर्मा भाजपा सरकार के मंत्री हैं। व भाजपा के मेंबर भी। लिहाजा उन्हें पार्टी लाइन पर चलना होगा। चुनाव के समय अगर पार्टी उन्हें कोई काम सौंपती है,तो उन्हें वह बखूबी करना होगा। उन्होंने संकेत दिया कि वह अगर ऐसा नहीं करते हैं,तो पार्टी इसे नजरअंदाज नहीं करेगी।
बेटे को नहीं मिला टिकट फिर हुए कांग्रेस में शामिल
लेकिन बीते दिन प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी के मैं भी चौकीदार कार्यक्रम में अनिल शर्मा ने पार्टी के आदेश के बावजूद भाग नहीं लिया तो पार्टी में उनके खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे। पहले पार्टी को लग रहा था कि शायद अपने बेटे को कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद खुद ही अनिल शर्मा केबिनेट से हट जायेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बता दें कि अनिल शर्मा 1993 और 2012 में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों के दौरान हिमाचल में मंत्री थे, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अक्टूबर 2017 में उन्होंने अपने पिता सुख राम के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया था। अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा मंडी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी ने सांसद रामस्वरूप शर्मा को दोबारा टिकट दे दिया। आश्रय इसके बाद अपने दादा के साथ 25 मार्च को कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस ने शुक्रवार को उन्हें मंडी से मैदान में उतारा।