MP: सतना की एक दरगाह जहां महाशिवरात्रि पर लगता है मेला, डेढ़ हजार साल से हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल
सतना जिले के सराय की दरगाह मेला में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिलती है।
मध्यप्रदेश के सतना जिले के सराय कस्बे में एक दरगाह ऐसी भी हैं। जहां महाशिवरात्रि पर्व पर तीन दिवसीय मेला लगता है और इसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हिन्दुओं के साथ मुसलमान भी पूरी श्रद्धा से शामिल होते हैं।
मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी स्थित सराय में मान शहीद बाबा की दरगाह पर महाशिवरात्रि के अवसर पर तीन दिवसीय मेले लगता है। इस अवसर पर आसपास के इलाकों से भी लोग यहां माथा टेकने और शिवरात्रि मेले का आनंद उठाते हैं। इस मेले में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग पहुंचते हैं। लोगों का दावा है कि दरगाह का इतिहास 7वीं सदी से जुड़ा हुआ हैं।
सैकड़ों साल पुरानी इस दरगाह पर लोगों की गहरी श्रद्धा है। साल में 2 बार महाशिवरात्रि और उर्स पर बड़ा मेला लगता है। इतना ही नहीं हर गुरुवार को बीमारी से पीड़ित लोग अपनी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए दरगाह पहुंचते हैं। यहां सराय में सैकड़ों लोग अर्जी लगाने पहुंचते हैं।
दरगाह और मेले का इतिहास 7वीं सदी से जोड़कर लोग देखते हैं। माना जाता है कि करीब डेढ़ हजार साल पहले 2 भाई बाबा मान और चांद अरब देश के बगदाद शहर से घोड़े पर सवार धर्म का पताका लेकर निकले थे। 1 दिन दोनों भाई अलग-अलग घोड़ों पर सवार होकर कोढ़ा गांव की उसी बारादरी में पहुंचे जहां आज उनकी दरगाह है।
लोगों का दावा है कि इस जगह पर पान की टपरी हुआ करती थी। कहा जाता है कि बिना सिर वाले बाबा चंद ने जब एक महिला से पान खाने के लिए कहा तो उसने हंसी उड़ा दी। लोगों का दावा है कि इससे नाराज होकर दोनों भाई धरती में समाधि ले ली थी।
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