Mulayam Singh Yadav ने ही बनाया था भदोही जिला, कमिश्नर को हेलीकॉप्टर से लेकर पहुंच गए थे आजमगढ़
Mulayam Singh Yadav ने ही बनाया था भदोही जिला तथा आजमगढ़ कमिश्नर के लिए कमिश्नर को हेलीकॉप्टर से लेकर पहुंच गए थे आजमगढ़ और जनता से कहे थे कि लेकर आ गया हूं आप लोगों का कमिश्नर
Mulayam Singh Yadav का वाराणसी समेत पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से काफी लगाव रहा, यही कारण है कि पूर्वांचल को मुलायम सिंह यादव ने बहुत कुछ दिया है। अब भले ही Mulayam Singh Yadav इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन Mulayam Singh Yadav द्वारा लिए गए निर्णय और कराए गए विकास कार्य लोगों के जीवन में मुलायम सिंह यादव सदैव जिंदा रखेंगे। वाराणसी और मिर्जापुर के कुछ हिस्सों को अलग करके मुलायम सिंह यादव के द्वारा ही भदोही जिला बनाया गया। इसी तरह आजमगढ़ कमिश्नरी भी Mulayam Singh Yadav की ही देन है। आजमगढ़ को कमिश्नरी बनाने के लिए मुलायम सिंह यादव हेलीकॉप्टर से अपने साथ कमिश्नर को लेकर आजमगढ़ पहुंचे थे।
30 जून 1994 को भदोही को बना था नया जिला
वर्ष 1993 से वाराणसी और मिर्जापुर जनपद के कुछ हिस्सों को अलग कर भदोही बनाए जाने की मांग की जा रही थी। भदोही के नेताओं द्वारा कई बार इसे लेकर प्रदर्शन भी किया गया था। उसी समय मुलायम सिंह यादव द्वारा वाराणसी और मिर्जापुर जिले के कुछ हिस्सों को अलग करके भदोही को एक नया जिला बना दिया गया। भदोही जिला पर जाने के बाद इसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाने लगा। एक समय ऐसा भी था जब चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा किसी भी प्रत्याशी को भदोही से टिकट दे दिया जाता था तो उसकी जीत पहले से ही मानी जाती थी।
वर्ष 2014 के चुनाव प्रचार करने आए थे भदोही
मुलायम सिंह यादव आखिरी बार वर्ष 2014 में भदोही में चुनाव प्रचार करने के लिए आए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा पूर्व विधायक विजय मिश्रा की बेटी सीमा मिश्रा को उम्मीदवार घोषित किया गया था। उसी समय आखरी बार सीमा मिश्रा का चुनाव प्रचार करने के लिए मुलायम सिंह यादव भदोही आए थे। इसके अलावा 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक विजय मिश्रा को एक मामले में पुलिस तलाश रही थी। उस समय भदोही पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने अपने हेलीकॉप्टर से विजय मिश्रा को लेकर चले गए थे और पुलिस को भनक तक नहीं लगी थी। यह मामला उस समय काफी चर्चा में रहा।
कमिश्नर को हेलीकॉप्टर से लेकर पहुंच गए आजमगढ़
वर्ष 1994 में मुलायम सिंह यादव ने ही आजमगढ़ को कमिश्नरी का दर्जा दिया था। इसके पहले आजमगढ़ जिला गोरखपुर मंडल का हिस्सा था ऐसे में आजमगढ़ से लोगों को कमिश्नरी जाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। आजमगढ़ के लोगों ने कई बार इसके लिए आवाज उठाई थी। वहीं उस समय पूर्वांचल के एक कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री चाहते थे कि मऊ को मंडल बनाया जाए, लेकिन मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ मंडल बनाना चाहते थे। ऐसे में अपने हेलीकॉप्टर से वह कमिश्नर को लेकर गए तथा आजमगढ़ को कमिश्नरी घोषित कर दिए। उस समय आजमगढ़ मंडल में मऊ, बलिया के साथ ही जौनपुर को भी शामिल किया गया था। हालांकि जौनपुर के लोगों द्वारा विरोध किया जाने लगा जिसके चलते जौनपुर वाराणसी मंडल में ही शामिल रह गया।
दीपदान कर मुलायम सिंह यादव को दी गई श्रद्धांजलि
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद काशी मर्माहत है। मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना मिलने के बाद वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई दिग्गज नेता दिल्ली प्रस्थान कर गए। कुछ लोग सड़क मार्ग से गुरुग्राम के अस्पताल के लिए गए तो कुछ लोग हवाई जहाज द्वारा वाराणसी से दिल्ली के लिए प्रस्थान किए। वहीं मुलायम सिंह यादव को चाहने वाले लोग वाराणसी में अपने अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसी कड़ी में वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर दीपदान करके समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी गई।
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