Sagar: बैंक एफडी रिन्युअल के लिए फोन आया और इधर तीन अकाउंट खाली हो गए
सागर, 9 सितंबर। बैक अकाउंट से ऑनलाइन ठगी के ढेरों मामले सामने आ रहे हैं। सबसे अलग-अलग तरीके से ठगी करने की बात सामने आ रही हैं। जरा सी चूक से ग्राहकों के खातों से मोटी रकम निकाल ली जाती है। ऐसा एक अलग तरह का मामला सागर में सामने आया है। मप्र के सागर में बंधन बैंक के खाताधारक एक व्यक्ति को उसकी बैंक एफडी रिन्युअल कराने के नाम पर फोन आया और जरा सी चूक के बाद उसके बैंक के खुले तीन अकाउंट को खाली कर दिया गया। ठगी का शिकार व्यक्ति ने बैंक और पुलिस में शिकायत भी की थी, लेकिन अब तक उसे कोई मदद नहीं मिल सकी है।

मप्र के सागर में गोपालगंज इलाके रहने वाले कमल केशरवानी ने बताया कि उनके बंधन बैंक में तीन अकाउंट खुले हुए हैं। उनकी एक बैंक एफडी भी बैंक में बनी थी। कमल ने बताया कि उनके पास कुछ दिनों पहले एक फोन आया था कि आपनी की बैंक एफडी रिन्युअल होना है। सामने वाले ने अपने आपको बंधन बैंक के कोलकाता हैडक्वाटर में कार्यरत बताया था। चूंकी बैंक में उनकी एफडी थी और वह रिन्युअल भी होना थी, इसलिए उन्होंने उससे बात और कुछ प्रोसेस कराई थी। बाद में उनको समझ आया कि उनके तीनों अकाउंट से पैसा ट्रांसफर होने लगा। चूंकी बैंक पास में था, इसलिए तुरंत बैंक में पहुंचे और मैनेजर व अन्य कर्मचारियों से बात कर बताया कि मेरे पास फोन आया था और वो एफडी व बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी दे रहा था, मैंने यही समझा कि उसे पूरी जानकारी है, इसलिए बात करता रहा और मेरे अकाउंट से पैसा खाली हो गया। कुल 1 लाख 65 हजार 13 रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। यह राशि चंद मिनटों में ही खातों से निकाल ली गई है। कमल का आरोप है कि उन्हें पूरा यकीन है कि उनकी जानकारी बैंक के माध्यम से शेयर की गई है, या फिर बैंक का कोई कर्मचारी इसमें शामिल है जो खातों की डिटेल शेयर कर सकता है। मामले में बैंक, गोपालगंज थाना, साइबर सेल में भी शिकायत की गई है।

झारखंड के रांची स्थित आईडीएफसी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुआ पैसा
मामले में बंधन बैंक गोपालगंज सागर के ब्रांच मैनेजर नीलेश छबलानी से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि कमल आॅनलाइन ठगी के शिकार हुए हैं। इसमें बैंक की कोई गलती नहीं है। उनके पास जो फोन काल आई थी, उस पर उन्होंने लिंक और जानकारी शेयर की थी, जिसके बाद उनके खातों से आईएमपीएस के माध्यम से झारखंड के रांची शहर स्थित आईडीएफसी बैंक के एक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है। कमल केशरवानी हमारे पास शिकायत लेकर आए थे, हमने रात तक उनके साथ बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी को लेकर जानकारी शेयर की थी। उन्होंने झारखंड के आईडीएफसी बैंक को ई-मेल के माध्यम से शिकायत भी की है।
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ऑनलाइन एफडी को तोड़ा जा सकता है
बंधन बैंक मैनेजर नीलेश छवलानी ने बताया कि कमल केशरवानी की जो एफडी हमारे बैंक में थी, वह आॅटो रिन्युअल मोड में नहीं बनी थी। उसे आॅनलाइन तोड़ा जा सकता था। यह एफडी बनवाने के समय तय किया जाता है कि एफडी किस आधार पर बनवानी है। कमल केशरवानी से चूक हुई और उन्होंने फोनकाॅल पर भरोसा करने लिंक और केवाईसी शेयर कर दी और जानकारी प्रदान कर दी है। हमारी तरफ से इस मामले में जो मदद हो सकती थी, हमने की है। पुलिस में शिकायत किए जाने की मेरे पास जानकारी नहीं है।