Save Soil Campaign: क्या है सदगुरु जग्गी वासुदेव का ’मिट्टी बचाओ अभियान’ भोपाल जाते हुए सागर में ठहरेंगे
सागर, 8 जून। सद्गुरु जग्गी वासुदेव गुरुवार 9 जून को सागर पहुंचेगे। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेव स्वाइल अर्थात मिट्टी बचाओ अभियान के तहत 100 दिन की यात्रा लेकर निकले हैं। यात्रा के 79 वें दिन वे सागर पहुंचेगे। उल्लेखनीय है कि 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' की शुरुआत इसी साल मार्च में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने की थी। वे इस दौरान मोटरसाइकिल यात्रा पर हैं। जिसका समापन 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कावेरी बेसिन में होगा।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव से जुडे ईशा फाउंडेशन के संजय चौबे ने बताया कि सौ दिनों की यात्रा के 79 वे दिन सद्गुरु जग्गी वासुदेव सागर से होकर भोपाल पहुंचेंगे। वे बाइक से 26 देशों की यात्रा कर मिट्टी बचाओ अभियान को लेकर वापस भारत लौटे हैं। जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका की बात करें तो विकसित देशों की तुलना में शून्य ही है। हम एक कृषि प्रधान देश हैं, लेकिन भारत ने विश्व के सामने यह चिंता रखी है कि आने वाले समय में हम बड़े संकट से गुजरने वाले हैं। यह संदेश लेकर सद्गुरु विभिन्न देशों में बाइक से घूमे और अरबों लोगों तक यह संदेश पहुंचाया।
गुरुवार
यानी
9
जून
को
गुरुदेव
अपनी
यात्रा
के
79
वे
दिन
वे
सागर
पहुँचेगे।
संजय
चौबे
लिधौरा
ने
बताया
कि
स्टेट
गेस्ट
सद्गुरु
वासुदेव
जामनगर
से
जयपुर
होते
हुए
दिल्ली
पहुंचे
थे।
जहां
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
उनका
समर्थन
किया
और
सेव
स्वाइल
को
लेकर
जागरूक
होने
का
समस्त
विश्व
से
आह्वान
कर
5
सूत्रीय
मंत्र
भी
साझा
किया।
अब
वे
लखनऊ
से
भोपाल
जा
रहे
हैं
इसी
बीच
गुरुवार
को
वे
12.30
से
1
बजे
के
बीच
सागर
पहुंचेंगे।
जहां
भैंसा
स्कूल
के
पास
उनके
उद्बोधन
की
भी
व्यवस्था
की
गई
है।
कहीं
भी
रुककर
देते
हैं
संदेश
सेव
स्वाइल
यात्रा
में
सद्गुरु
को
कोई
किसान
या
जनसमूह
या
कोई
भी
ऐसा
अवसर
मिलता
है
जहां
वह
अपनी
बात
रख
सकें
वहां
वह
रुक
जाते
हैं।
वे
लोगों
से
मिलकर
उन्हें
मिट्टी
बचाने
के
लिए
भरसक
प्रयास
कर
जागरुक
कर
रहे
हैं।
क्या
है
मिट्टी
बचाओ
अभियान
सदगुरु
के
मिट्टी
बचाओ
अभियान
के
बारे
में
जानकारी
देते
हुए
ईशा
फाउंडेशन
की
सदस्य
डॉ
नैंसी
मौर्य
ने
बताया
कि
मिट्टी
में
जब
दशमलव
पांच
प्रतिशत
से
कम
ऑर्गेनिक
कंटेंट
बचते
हैं,
तब
वह
रेत
में
तब्दील
होने
लगती
है।
ऐसे
में
भूमि
में
3
से
6
प्रतिशत
जैविक
तत्व
होना
आवश्यक
है।
जबकि
देश
की
भूमि
में
0.68
प्रतिशत
जैविक
तत्व
की
मौजूदगी
बताई
गई
है,
जिस
कारण
मरुस्थलीकरण
होने
का
खतरा
बढता
जा
रहा
है।
इसलिए
मिट्टी
बचाओ
अभियान
के
तहत
लोगों
को
जागरुक
कर
जैविक
खेती,
विष
रहित
खेती,
गौ
आधारित
खेती
को
बढाना
और
कैमिकल्स
व
कीटनाशकों
का
कम
से
कम
उपयोग
करने
के
प्रति
जागरुक
करना
है।