फौजी के परिजनों को मिली 37 बीघा जमीन माफिया ने कब्जाई, पुलिस बोली- आपका बेटा हमारे लिए थोड़े न शहीद हुआ
Gujarat News, जामनगर। गुजरात में वर्ष 2002 में शहीद हुए एक फौजी के परिजनों को सरकार ने 37 बीघा जमीन मदद के तौर पर दी थी। खनिज से भरपूर इस जमीन पर खनन माफिया की नीयत डिग गई और कब्जे में लेकर भारी मात्रा में बॉक्साइट खनिज निकाल लिया। माफिया का विरोध करने पर शहीद के परिजनों की पिटाई की गई और मार डालने की धमकियां भी दी गईं। शहीद के भाई और पिता ने जब माफिया की शिकायत कलेक्टर, एसपी जैसे अधिकारियों से की तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिसके बाद शहीद के परिजन स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि थाने में भी पुलिस ने उनके साथ रूखा व्यवहार किया और हड़काते हुए कहा, 'आपका बेटा आपके लिए शहीद हुआ है हमारे लिए नहीं!'
मामला
कल्याणपुर
तहसील
के
नंदाणा
गांव
का
है,
मोहनभाई
डाभी
नामक
सेना
के
जवान
की
शहादत
के
बाद
सरकार
से
उनके
परिजनों
को
जमीन
मिली
थी।
बीते
कुछ
दिनों
से
जवान
के
भाई
रणमलभाई
और
पिता
मथुरभाई
को
ने
उस
जमीन
पर
माफिया
के
आतंक
की
शिकायत
करनी
चाही
तो
पुलिस-प्रशासन
द्वारा
नहीं
सुनी
गई।
परिजनों
के
आरोप
हैं
कि
वे
जब
कल्याणपुर
पुलिस
थाने
शिकायत
दर्ज
करवाने
पहुंचे
तो
पुलिसकर्मी
द्वारा
उनको
वहां
से
निकाल
दिया
गया।
जिसके
बाद
परिजनों
द्वारा
आर्मी
में
जहां
उनका
बेटा
नौकरी
करता
था,
वहां
शिकायत
की
गई।
जिसके
बाद
कर्नल
एस.
एस.
राठौड़
ने
कलेक्टर
को
खत
लिखकर
तुरंत
ही
शहीद
के
परिजनों
को
न्याय
दिलाने
के
लिए
जरुरी
कदम
उठाने
को
कहा।
बताया
जा
रहा
है
कि
प्रशासन
ने
अबतक
कोई
कदम
नहीं
उठाया
है।
इस बारे में स्थानीय एसपी के. रोहन आनंद का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। जैसे ही शिकायत मिलेगी, कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि, 2002 में शहीद हुए मोहनभाई मथुरभाई डाभी ने 18 साल की उम्र सेना ज्वॉइन की थी। वह बचपन से ही साहसिक थे। वर्ष 2002 की 12 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के डोडा डिस्ट्रिक में हुए बम ब्लास्ट में वह शहीद हो गए थे।
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