Rajasthan : पिता की मौत के बाद 8 साल की बेटी के सिर पर बांधी पगड़ी, कोई नहीं रोक पाया आंसू
सीकर, 17 जुलाई। राजस्थान के शेखावाटी अंचल में सामाजिक बदलाव की बयार बह रही है। इसकी एक बागनी सीकर जिले के गांव नांगल में देखने को मिली है। यहां पिता की मौत के बाद आठ साल की बेटी सिर पर पगड़ी बांधी गई। यह रस्म निभाने के दौरान मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।
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वार्ड पांच के पंच भी रह चुके थे सतीश
सीकर जिले की श्रीमाधोपुर तहसील के गांव नांगल के वार्ड 5 के पूर्व पंच 40 वर्षीय सतीश पारीक की 18 मई को कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी। सतीश महाराष्ट्र में टाइल का काम करता था। उनकी मौत के वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर का संक्रमण तेजी से फैल रहा था। इसलिए तब तो अस्थि विसर्जन एवं पगड़ी संस्कार का कार्यक्रम टाल दिया गया था।
दोनों बेटियों को बेटों की तरह मानते थे सतीश
अब गुरुवार को सतीश पारीक के उनकी मौत पर तेरहवीं की रस्म निभाई गई, जिसमें सतीश की पत्नी श्रद्धा पारीक ने कहा कि उनकी दो बेटी 8 वर्षीय वानी पारीक व नौ माह की जयश्री को सतीश बेटे की तरह ही मानते थे। इसलिए पगड़ी बड़ी बेटी वानी पारीक के सिर पर बांधी जाए।
राज्य सरकार से मदद की मांग
परिवार व समाज के लोगों ने सर्वसम्मति से सतीश की बड़ी बेटी आठ साल की वानी के सिर पर पगड़ी बांधी। बता दें कि सतीश के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। पत्नी श्रद्धा पारीक कहती हैं कि राजस्थान सरकार को सहायता करनी चाहिए ताकि अपनी दोनों बेटियों को पाल सके।
क्या है पिता की मौत पर पगड़ी बांधने की रस्म
दरअसल, राजस्थान के वर्षों से परम्परा चली आ रही है कि पिता की मौत के बाद उनके बेटे को उत्तराधिकारी तय करते हुए उसके तेहरवीं के दिन बेटे के पगड़ी बांधने की रस्म निभाई जाती है। सगा बेटा नहीं और बेटियां होने के बावजूद पगड़ी परिवार में से किसी बेटे के सिर पर बांध दी जाती थी, मगर अब बेटियों के सिर पर भी पगड़ी बांधकर बेटा-बेटी समानता का संदेश दिया जा रहा है।
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