'पाकिस्तानी घुसपैठियों' ने राजस्थान-गुजरात बॉर्डर इलाके में पहुंचाया 400 करोड़ का नुकसान, जानिए कैसे
जैसलमेर। वर्ष 2019 में भारत पाक बॉर्डर पार कर राजस्थान में दाखिल होने में घुसपैठिए भले ही नाकाम रहे हो, लेकिन इस बार पाकिस्तान से टिड्डी दल की घुसपैठ ने राजस्थान व गुजरात के बॉर्डर इलाकों के 6274 गांवों में तबाही मचा दी है। सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान में बॉर्डर से सटे जैसलमेर, बाड़मेर जिले में हुआ है।
यहां पर 4.77 लाख हेक्टेयर में करीब 400 करोड़ से ज्यादा की फसलें टिड्डी चट कर गई, लेकिन केंद्र व राज्य सरकार टिड्डी रोकने में नाकाम रही है। 250 साल बाद पहली बार ऐसा मौका है, जब बाड़मेर-जैसलमेर जिले में दिसंबर में भी टिड्डी का बड़ा हमला हो रहा है। इससे हजारों किसानों की रबी की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों की फसलों को बचाने के लिए कोई छिड़काव नहीं किया जा रहा है। राजस्थान गुजरात के 11 जिलों में पाक के बलूचिस्तान से आए टिड्डी दल ने सबसे ज्यादा नुकसान बाड़मेर व जैसलमेर के किसानों की फसलों को पहुंचाया है।
बीते छह माह से टिड्डी दल के आतंक से परेशान किसानों की मदद के लिए भारत-पाक, अफगानिस्तान के साथ ही यूएनओ एफएओ की 3-3 बैठकें हो चुकी हैं, मगर पाकिस्तान की तरफ से टिड्डी दल की घुसपैठ जारी है। बेकाबू टिड्डी को लेकर विभाग का तर्क है कि फसलों पर टिड्डी नियंत्रण उनकी पॉलिसी में ही नहीं है। विभाग केवल खुली पड़ी जमीन पर ही छिड़काव करेगा। टिड्डी मारने के लिए किसान खुद को दवा खरीद कर स्प्रे करना होगा।
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वहीं, इस संबंध में टिड्डी नियंत्रण विभाग के प्रभारी राजेश कुमार कहते हैं कि मई 2019 से अब तक जैसलमेर में 1.77 लाख हेक्टेयर पर नियंत्रण की कार्रवाई की है। हमारे पास 8 गाड़ियां, खराब एक भी नहीं है। फिलहाल दो तीन गाड़ियां व टीमें और बढ़ाई जा रही हैं। रही बात टीमें जल्दी भेजने की तो हमेशा से ही टीमें सुबह जल्दी रवाना की जाती हैं। फलोदी के अधिकारी पवन कुमार को भी दो तीन दिन के लिए लगाया गया था। वहीं किसान नेता मूलाराम चौधरी का आरोप है कि फलोदी के अधिकारी पवन कुमार को यहां फील्ड ड्यूटी पर लगाया गया था, लेकिन वे मौके पर पहुंचे ही नहीं और दो तीन दिन सम के किसी रिसोर्ट में ठहरकर वापस लौट गए। विभाग के पास 8 में से छह गाडियां खराब पड़ी हैं।