राजस्थान न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

'मुसलमान वह नहीं है जो टोपी और दाढ़ी रखे या आतंकवाद से जुड़ा हो'

Google Oneindia News

अजमेर। हिंसा और इस्लाम का आग-पानी जैसा वैर है, आतंकवाद से ताल्लुकात रखने वाला नहीं मुस्लिम- दीवान जेनुअल, आबेदीन सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज व सज्जादानशीन दरगाह दीवान सैयद जेनुअल आबेदीन अली खान ने कहा कि हिंसा और इस्लाम से कभी संबंध नहीं रहा है। इन दोनो में हमेशा आग और पानी जैसा बैर है। इसके बावजूद भी इन दिनों आतंकवाद को मुस्लिमों के साथ जोड़ा जा रहा है जो कि मुसलमानों का अपमान है।

मुसलमान वह नहीं है जो टोपी और दाढ़ी रखे या आतंकवाद से जुड़ा हो

बकरा ईद के मौके पर दरगाह दीवान सैयद जेनुअल आबेदीन ने बयान जारी कर कहा कि आतंकवाद के साथ इस्लाम का नाम लेना मुसलमानों का अपमान है। ऐसा करने वाले न सिर्फ इस्लाम की शिक्षाओं और उसके इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है, बल्कि वह लोग इस्लाम धर्म को आम लोगों के बीच बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि ईद उल अजहा त्याग, आत्म इच्छा का समर्पण और आज्ञाकारिता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। लोगों को इसे अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता है, क्योंकि इस्लाम शांति भाईचारा मिलनसार से जीवन यापन करने की शिक्षा देता है। इस्लाम के अंतिम पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने बिल्कुल स्पष्ट संदेश दिए हैं कि इस्लाम धर्म के मानने वाले अनुयायी इस्लाम के उपदेशों नियमों की अनुपालना तो पूरे मनोयोग के साथ करें पर किसी दूसरे धर्म के बारे में किसी प्रकार का अनर्गल प्रचार या असम्मान की दृष्टि नहीं रखें।

मुसलमान वह नहीं है जो टोपी और दाढ़ी रखे या आतंकवाद से जुड़ा हो

इस्लाम शांति का प्रतीक

दीवान ने कहा कि इस्लाम धर्म के एक लाख चौबीस हजार पैगंबरों ने केवल मात्र शांति का संदेश दिया है इसलिए आतंकवाद का इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। यदि कोई इस्लाम को आतंकवादी मजहब करार देता है तो वह केवल इस धर्म से घृणा का इजहार करते हैं। उन्होंने कहा कि इस दौर में इस्लाम को आतंकवाद से इस तरह जोड़ दिया गया है कि अगर किसी गैर मुस्लिम के सामने इस्लाम का शब्द ही बोलता है तो उसके मन में तुरंत आतंकवाद का ख्याल घूमने लगता है। उन्होंने कहा कि हिंसा और इस्लाम में आग और पानी जैसा बैर है जहां हिंसा हों वहा इस्लाम की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। इसी तरह जहां इस्लाम हो वहां हिंसा की हल्की सी भी छाया नही पड़ सकती।

खून की हिफाजत करने वाला मुस्लिम

दीवान आबेदीन ने कहा कि आज जो इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है वह सरासर गलत है। मुसलमान वह नहीं है जो टोपी और दाढ़ी रखे या आतंकवाद से जुड़ा हो। असली मुसलमान वह है जो खून की हिफाजत करे, नाहक, कत्ल और गारत को रोके। उन्होंने तर्क दिया कि जहाँ आतंकवाद है वहा इस्लाम का नामो निशा भी नहीं है । हर मुस्लिम अपने इस्लाम को अच्छे से समझे ताकि हर उठते हुए फित्तने का जवाब डट कर दे सके और गैर मुस्लिमों के सामने अपने इस्लाम की सही तस्वीर व हकीकत को पेश कर सके।

Comments
English summary
'The Muslim is not the one who kept a hat and beard or linked to terrorism
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X