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लॉकडाउन के कारण राजस्थान के इस स्कूल में ठहरे एमपी के 58 मजदूरों को पढ़ा रहे शिक्षक

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सीकर। राजस्थान में लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। इस संकट की घड़ी में प्रदेश के तमाम स्कूलों में पढ़ाई बंद है। मगर एक ऐसा स्कूल भी है, जिसमें शिक्षक पढ़ाई करवा रहे हैं। बस स्टूडेंट बदले हुए हैं। ये स्टूडेंट स्कूल के आस-पास के घरों के बच्चे नहीं बल्कि प्रवासी मजदूर हैं।

मध्य प्रदेश के गुना के रहने वाले 58 मजदूर घर नहीं लौट सके

मध्य प्रदेश के गुना के रहने वाले 58 मजदूर घर नहीं लौट सके

दरअसल, कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने पर 24 मार्च की रात से देशभर में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है। अन्य राज्यों की राजस्थान के सीकर से भी मध्य प्रदेश के गुना के रहने वाले 58 मजदूर घर नहीं लौट सके। ऐसे में उन्हें सीकर जिले के गांव सांवलोदा धायलान के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में ठहराकर उनके लिए रहने व भोजन की व्यवस्था की गई। इस बीच स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक रोहिताश थालौड़, राजेश कुमार, महेश सेवदा और बनवारी लाल शर्मा ने उन्हें पढ़ाने का जिम्मा उठाया।

अब नाम से सेव करेंगे नंबर

अब नाम से सेव करेंगे नंबर

इन शिक्षकों ने बताया कि ज्यादातर मजदूर ​अशिक्षित हैं। यहां तीन चार माह के लिए परिवार को साथ मजदूरी करने आते हैं। फिर लौट जाते हैं। ऐसे में बच्चों का भी स्कूलों में स्थायी एडमिशन नहीं करवा पाते हैं। सीकर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांवलोदा धायलान में श्रमिकों के साथ-साथ उनके बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है। श्रमिक सरदार, बलराम, सोनू, संतोषी, रामलाल, लक्ष्मी आदि ने शिक्षकों को बताया कि वे मोबाइल में किसी के नंबर उसके नाम से सेव तक पाते थे। बस 1, 2, 3 या फिर नंबर के आखिरी अंक देखकर पहचान जाते थे, मगर लॉकडाउन के दौरान राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांवलोदा धायलान में पढ़ाई के चलते अब किसी का नाम भी लिखना सीख गए हैं।

 इधर, श्रमिकों ने रंगाई-पुताई कर चुकाया एहसान

इधर, श्रमिकों ने रंगाई-पुताई कर चुकाया एहसान

सीकर के इस सरकारी स्कूल में जहां मजदूरों को पढ़ाया जा रहा है। वहीं, सीकर के पलसाना के सरकारी स्कूल में श्रमिकों ने अनूठे अंदाज में एहसान चुकाया है। बता दें कि राजस्थान के सीकर जिले के पलसाना के शहीद सीताराम कुमावत व सेठ केएल ताम्बी राउमावि में पलायन सेंटर संचालित है। यहां हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, एमपी, यूपी के 54 मजदूर ठहरे हुए हैं। ये सभी लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और इनका क्वारंटाइन समय भी पूरा हो गया है।

 ठाले बैठे तो बीमार हो जाएंगे

ठाले बैठे तो बीमार हो जाएंगे

पलसाना के सरकारी स्कूल में ठहरे मजदूरों ने बताया कि वो मेहनतकश लोग हैं, ठाले बैठे तो बीमार हो जाएंगे। सरपंच और गांव के भामाशाहों ने हमारे लिए बहुत ही अच्छी व्यवस्था कर रखी है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। बदले में गांव के लिए हम भी कुछ करना चाहते हैं। अभी हमें बाहर तो जाने दिया जाएगा नहीं। ऐसे में स्कूल की पुताई का काम किया है।

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English summary
Sikart Teachers teaching 58 laborers of MP stayed in sanwloda dhaylan school
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