Tejaswani Gautam : राजस्थान की ये SP करती हैं नुक्कड़ नाटक, वजह जान आप भी करोगे इन्हें सैल्यूट
नई दिल्ली। नौकरशाही में अफसर अपने काम के तरीके को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। बात चाहे उनके अनूठे फैसलों की हो या फिर ड्यूटी के अलावा उठाए गए कदमों की। कुछ ऐसी ही हैं वर्ष 2013 बैच की आईपीएस अधिकारी तेजस्वनी गौतम। इन्हें राजस्थान सरकार ने चूरू जिले में पुलिस अधीक्षक पद पर लगाया है।
वन इंडिया से खास बातचीत में चूरू की नई एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि वे 17 साल पहले थियेटर से जुड़ी थीं और यह जुड़ाव आईपीएस बनने के बाद भी जारी है। बस वजह जुदा है। पहले थियेटर के जरिए कला को लोगों तक पहुंचाना था और अब नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को कानून की पेचीदगियां सामान्य भाषा में समझाना है। साथ ही उन्हें गलत राह पर चलने से रोकना है।
एसपी के साथ कलाकार भी पुलिस वाले
खास बात यह है कि नुक्कड़ नाटक में खुद एसपी तेजस्वनी गौतम अभिनय करती हैं। साथ में होने वाले कलाकार भी पुलिसवाले ही होते हैं। इसके लिए एसपी गौतम न केवल खुद पुलिसकर्मियों को अभिनय का प्रशिक्षण देती हैं बल्कि स्क्रिप्ट भी खुद ही लिखती हैं। राजस्थान में संभवतया ये पहली आईपीएस अधिकारी हैं, जो नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरुक कर रही हैं।
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चूरू की पहली महिला एसपी हैं तेजस्वनी गौतम
महिला आईपीएस अधिकारी तेजस्वनी गौतम बताती हैं कि बतौर एसपी किसी जिले में उनकी दूसरी पोस्टिंग है। चूरू जिले से पहले बांसवाड़ा में एसपी रह चुकी हैं। अजमेर में प्रोबेशन काल पूरा किया। डीसीपी जयपुर रहीं। इसके अलावा भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर में एसपी और एएसपी बस्सी जयपुर के पद पर भी सेवाएं दी। चूरू में पहली महिला पुलिस अधीक्षक हैं। चूरू में ज्वाइन करने के बाद सबसे पहले जिले की भौगोलिक स्थिति का जायजा लेंगी। फिर अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास पैदा करने का प्रयास करेंगी।
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चूरू में भी होगा नुक्कड़ नाटक का प्रयास
चूरू की नई एसपी तेजस्वनी का कहना है कि अपनी बात को जन-जन तक पहुंचाने में नुक्कड़ नाटक सबसे अच्छा माध्यम है, क्योंकि इसमें कोई पैसे नहीं लगते हैं। कोई टिकट सिस्टम नहीं है। आप खुद लोगों के बीच जाते हैं और सामान्य भाषा में अपनी बात उन तक आसानी से पहुंचाकर उन्हें जागरूक कर सकते हैं। आईपीएस अधिकारी रहते हुए मुझे नुक्कड़ नाटक करना कतई अजीब नहीं लगता। ना मैं इस बारे में सोचती हूं। जयपुर, अजमेर के बाद चूरू में भी नुक्कड़ नाटक करने का प्रयास रहेगा।
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अजमेर में नुक्कड़ नाटक की वजह से नशा छोड़ा
आईपीएस तेजस्वनी गौतम ने अजमेर नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरूक किया तो नतीजा यह रहा कि 67 बच्चों ने नशा करना छोड़ दिया। ये बच्चे रेलवे स्टेशन के पास व्हाइटनर का नशा किया करते थे। अजमेर में 'प्रेरणा' नामक पहल के जरिए नुक्कड़ नाटक कर एक सप्ताह में सभी 67 बच्चों की नशे की लत छुड़ाकर उनका पुनर्वास करवाया गया। बच्चों से खुद एसपी ने काउंसलिंग की थी। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं को उनके साथ होने वाली छेड़छाड़ के संबंध में शिकायत किए जाने को लेकर भी जागरूक किया गया।
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आईपीएस तेजस्वनी गौतम का जीवन परिचय
चूरू की नई एसपी आईपीएस तेजस्वनी गौतम मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। 16 जून 1989 को जन्मी तेजस्वनी गौतम का पहले ही प्रयास में वर्ष 2013 में आईपीएस में चयन हो गया था। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से बीए ऑनर्स करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की। अपने परिवार में अफसर बनने वाली ये इकलौती शख्स हैं। अविवाहित हैं।