सीकर ऑनर किलिंग: पिता ने बताया वो खौफनाक तरीका जिससे की बेटी-प्रेमी की हत्या, पुलिस की भी कांपी रूह
सीकर। राजस्थान के सीकर ऑनर किलिंग केस में युवती के पिता को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस पूछताछ में उसने बेटी व उसके प्रेमी की हत्या की वो खौफनाक कहानी बयां की जिसे सुनकर पुलिस की रूह कांप उठी। पिता ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर बेटी व उसके प्रेमी को केबल से पीट-पीटकर मौत के घात उतारा था। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए।
पिता दो दिन के रिमांड पर
डीएसपी राजेश आर्य ने बताया कि युवती के पिता रामगोपाल को गिरफ्तार करके गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में उसने युवती प्रेम व उसके प्रेमी गणपत की हत्या की वारदात में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी पूछताछ की गई। पुलिस हत्या में शामिल आरोपी के दो साले परसाराम व महेंद्र सहित अन्य रिश्तेदारों की तलाश कर रही है।
डेढ़ साल से चल था प्रेम प्रसंग
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गणपत ने ढाई साल पहले खाटू में कपड़े की दुकान खोली थी। खाटूश्यामजी क्षेत्र के अलौदा गांव निवासी युवती प्रेम वहां कपड़े खरीदने जाती थी। इसी दौरान उनके बीच में दोस्ती हुई। गणपत ने युवती को मोबाइल दे दिया। दोनों के बीच डेढ़ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। एक बार मोबाइल पर ही युवती को घर में पिता रामगोपाल ने बात करते हुए देख लिया। रामगोपाल ने सख्ती से बेटी से पूछताछ की तो उसने प्रेम प्रसंग की बात कबूल की।
फिर बनाई हत्या की योजना
तीन बच्चों के बाप गणपत व अविवाहित युवती प्रेम के बीच संबंधों का पता लगने पर पिता रामगोपाल ने अपने दोनों साले परसाराम व महेंद्र को फोन कर बुलाया। आवेश में आकर रामगोपाल ने फोन कर बाबूलाल, नंदलाल, बीरबल, सोहनजाट सहित अन्य रिश्तेदारों को भी बुला लिया। युवती के फोन से ही उन्होंने मंगलवार रात को गणपत को अपने घर बुलाकर दोनों को केबल (तार) से तब तक पीटा जब तक उनकी जान ना निकल गई। फिर उनके शव बोरे में डालकर जीणमाता की पहाड़ियों में फेंक दिए।
सीकर में हॉस्टल में रहती थी युवती
बता दें कि रामगोपाल की बड़ी बेटी बारहवीं पास करने के बाद उसका सीकर में ही कॉलेज में दाखिला कराया था। उसकी एक बेटी कुछ समय से बीमार चल रही थी। 15 दिन पहले युवती को इलाज के लिए लेकर गए थे। प्रेम को हाल ही में पिता ने सीकर के महिला महाविद्यालय के हॉस्टल में पढऩे के लिए छोड़ा था और 16 अक्टूबर को उसे दीपावली को देखते हुए घर लाया गया था। उसके बाद से वह घर पर ही रह रही थी।
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