SIKAR : 5 घंटे तक कोई मददगार नहीं आया तो तहसीलदार रजनी यादव ने किया महिला का अंतिम संस्कार
सीकर, 11 मई। राजस्थान के सीकर जिले के धोद इलाके से हर किसी को झकझोर देने और महिला तहसीलदार द्वारा इंसानियत का फर्ज निभाने का मामला सामने आया है। एक महिला का शव अंतिम संस्कार के लिए पांच घंटे तक पड़ा रहा। ग्रामीण, रिश्तेदार और मेडिकल टीम मदद को तैयार नहीं हुई तो एक महिला तहसीलदार रजनी यादव आगे आईं और पीपीई किट पहनकर मुक्तिधाम गई व महिला की चिता को मुखाग्नि दी।
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सीकर के धोद की तहसीलदार हैं रजनी यादव
दरअसल, इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है। राजस्थान भी अछूता नहीं है। रोजाना बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं। कोरोना के डर की वजह से कई लोगों की इंसानियत भी मर चुकी है। आलम यह है कि लोग सामान्य मौत पर भी उसे कोरोना संक्रमित मानकर उस परिवार के गम में शरीक होने से भी बच रहे हैं। इसकी एक बानगी सोमवार को सीकर जिले के धोद में देखने को मिली है।
धोद के श्योबक्स की पत्नी की हो गई थी मौत
हुआ यूं कि धोद के श्योबक्स की पत्नी 45 वर्षीय सायर कंवर की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे धोद सीएचसी लेकर गए। वहां से उसे बिना कोरोना की जांच किए बीपी की दवा देकर घर भेज दिया। फिर भी तबीयत में सुधार नहीं होने पर परिजन सायर कंवर को सीकर स्थित सांवली अस्पताल लेकर आए।
सांवली अस्पताल सीकर में नहीं किया भर्ती
सांवली अस्पताल में बेड खाली नहीं होने का तर्क देकर भर्ती करने की बजाय घर ले जाने को कहा। इस दौरान महिला की मौत हो गई। एम्बुलेंस चालक ने मृतका के पति श्योबक्स से तीन हजार रुपए लेकर शव घर पहुंचा दिया। शव पांच घंटे तक आंगन में ही पड़ा रहा। कोई उसके अंतिम संस्कर को आगे नहीं आया।
किरडोली सरपंच ने किया धोद तहसीलदार को फोन
इधर, सरपंच अमर सिंह को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने धोद तहसीलदार रजनी यादव को फोन करके सूचना दी। गांव किरडोली के दौरे पर आई तहसीलदार रजनी यादव तुरंत श्योबक्स के घर पहुंची। तहसीलदार ने एसडीएम व बीसीएमओ को फोन कर एम्बुलेंस भेजने को कहा ताकि शव को अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले जाया जा सके।
तहसीलदार यादव ने मंगवाए पीपीई किट
सरकारी स्तर पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर सीकर के धोद की तहसीलदार रजनी यादव ने स्थानीय स्तर पर एक कैंपर चालक को तैयार किया और ग्रामीणा, रिश्तेदार व मेडिकल में से कोई भी महिला का अंतिम संस्कार के लिए जाने को तैयार नहीं हुआ तो तहसीलदार रजनी यादव ने पीपीई किट मंगवाए।
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तहसीलदार बोलीं-लोग वीडियो बनाने जरूर आ गए
पीपीई किट पहनकर तहसीलदार रजनी यादव ने महिला के शव को न केवल कंधा दिया बल्कि मुक्तिधाम पहुंचकर चिता को मुखाग्नि भी दी। मीडिया से बातचीत में रजनी यादव ने बताया कि यह शर्मनाक बात है कि जब मैं दुपटटा हटाकर पीपीई किट पहन रही थी तब वीडियो बनाने तो कई लोग वहां आ गए थे, मगर कोई शव का अंतिम संस्कार करवाने को तैयार नहीं हो रहा था।