राजस्थान : 8 दिन बाद गुर्जर आंदोलन खत्म कर कर्नल बैंसला ने इस बात के लिए सबसे मांगी माफी
Sawai Madhopur News, सवाई माधोपुर। पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर आठ दिन से पटरियों पर बैठे राजस्थान के गुर्जरों ने शानिवार से अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह शनिवार सुबह धरना स्थल सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर पहुंचे और गुर्जर आरक्षण आंदोलन सघर्ष समिति के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को आरक्षण बिल के मसौदे की प्रति सौंपी। इसके बाद गुर्जर नेताओं ने आंदोलन समाप्त कर रेल पटरियों को खाली करने का फैसला लिया।
इस पर मीडिया से बातचीत में गुर्जर आंदोलन 2019 (Gurjar Andolan) समाप्त का फैसला देशहित में लिया गया है। 8 फरवरी से शुरू हुए आंदोलन के दौरान 16 फरवरी तक आंदोलन के चलते हुए धरना, प्रदर्शन व जाम से लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा, जिसके लिए माफी चाहता हूंं।
Gujjar leader Kirori Singh Bainsla: The agitation concludes today in the interest of the nation. I request that all the blockades across Rajasthan be removed immediately. pic.twitter.com/X1JGpGHzxc
— ANI (@ANI) February 16, 2019
राजस्थान सरकार ने गुर्जरों समेत पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधी बिल विधानसभा में पारित किया है, जिससे हमें आरक्षण मिल गया। अब अगर कोई कानूनी अड़चन आई तो उन्हें दूर करने का गहलोत सरकार ने आश्ववासन भी दिया है। ऐसे में गुर्जर आंदोलन खत्म करने का निर्णय किया गया है।
क्या है गुर्जर आंदोलन 2019
गुर्जर आरक्षण की मांग पिछले 13 साल से कर रहे हैं। अब तक छह बार आंदोलन किया जा चुका है। छठी बार वर्ष 2019 में आंदोलन से पहले गुर्जरों ने राजस्थान सरकार को पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी करने का 8 फरवरी की शाम तक का अल्टीमेटम दिया था। फिर भी आरक्षण नहीं मिला तो गुर्जरों ने सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर रेलवे स्टेशन के पास मकसूदनुपरा में रेल पटरियों पर धरना शुरू कर दिया था।
इसके बाद गुर्जर आंदोलन 2019 की आग पूरे प्रदेश में फैल गई थी। दिल्ली-मुम्बई रेल मार्ग समेत कई रूटों पर ट्रेंनों का संचालन बंद हो गया था। दो दर्जन से अधिक ट्रेंने प्रभावित हुई थीं। धौलपुर में तो आंदोलन हिंसात्मक हो गया था। इसके अलावा दौसा, सीकर, अजमेर, हिंडौन-करौली समेत कई जगहों पर सड़क मार्ग भी जाम किया गया। दो दिन पहले से राजस्थान सरकार ने विधानसभा में गुर्जर आरक्षण का बिल पारित किया था।